जल संरक्षण पर निबंध

jal sanrakshan jal sanrakshan in hindi जल संरक्षण water protection in hindi
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jal sanrakshan आज के साथ साथ भबिष्य की भी बड़ी समस्या बनने जा रहा हैं, इसलिए यह आवश्यक हैं, की जल को बचाना शुरू किया जाए क्यूकि इस समस्या को बढने से नहीं रोका गया तो भबिष्य में पानी की एक एक बूंद के लिए भारी समस्याओ से होकर गुजरना पड़ेगा इसलिए अभी संभल जाना जरुरी हैं।

इस समस्या को उत्पन करने में और बढ़ाने में हवा मानव ने ही दी हैं, क्यूकि मनुष्य उपयोग से ज्यादा पानी बर्बाद करता हैं, एंव पानी के नलों को बंद करने पर ज्यादा ध्यान नहीं देना आदि इन सभी कारणों की वजह से ही पानी की समस्या उत्पन होती हैं।

और जल संरक्षण (jal sanrakshan par nibandh in hindi) के माध्यम से मनुष्य जल को बर्बाद होने से बचा सकता हैं, और भबिष्य में इस समस्या का सामना न करना पड़े इससे भी बचाएगा।

जल बर्बाद करने के माध्यम (jal sanrakshan):-

जल को बर्बाद कई माध्यम से किया जाता हैं, नलो को खोले रखना और उपयोग के बाद भी उसे बहते देना, नहाने में पानी को अधिक बर्बाद करना घर की सफाई के लिए अत्याधिक जल का बर्बाद करना आदि।

जल को पीने से ज्यादा फेंकना इन सभी कारणों के नध्याम से ही जल बर्बाद अधिक होता हैं, और जल की कमी का सामना करना पड़ता हैं।

जल की कमी के असर (jal sanrakshan par nibandh)-

जल की कमी होने से मनुष्य को बहुत सी समस्याओ का सामना करना पड़ता हैं, और समस्याओँ का सामना करना भी पड़ रहा हैं, भारत में कुछ शहर ऐसे भी है जहां जल की अधिक मात्रा में कमी होने के कारण वहॉ सरकार दवारा बनाई गई योजना के माध्यम से जल के ट्रक भेजें जाते हैं।

जिससे ही पूरे इलाक़े के कार्य हो पाते है, और किसी कारणवश जल के ट्रक न पहुंच पाए तो एक बूंद पानी पीने के लाले पड़ जाते है, और लोगो में पानी की कमी के कारण वह बीमार पड़ जाते है, और कहीं कहीं तो पानी की कमी से लोग मर भी रहे हैं।

jal sanrakshan
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जल की कमी के अन्य कारण (jal sanrakshan) :-

जल की कमी के अन्य कारण भी है, जैसे जल को को गन्दा किया जाना साधारण शब्दो में कहा जाए, तो पृथ्वी पर 70% जल पाया जाता है, लेकिन अब पीने लायक जल 1% ही बचा हैं, जो जल को दूषित करने के कारण हुआ है।

नदियों में फैक्ट्री द्वारा जो गंदगी बहाई जाती है, जिससे जल प्रदूषित होता है, और पीने लायक नहीं बचता जो जल में कमी का मुख्य कारण हैं, वैसे तो जल को जीवन माना जाता है, और जल को ही दूषित करा जाता हैं।

तो जल के बिना जीवन कैसे संभव हो पायेगा। मनुष्य को इस बात का भली-भांति ज्ञान है, की अगर पृथ्वी पर जल ख़त्म हुआ तो वह भी नष्ट हो जाएगा लेकिन फिर भी जल को दूषित किये जा रहा रहा हैं।

प्रकर्ति का अनमोल तोफा (jal sanrakshan) :-

जल प्रकर्ति का अनमोल तोफा है,जिसका मनुष्य को सम्मान करना चाहिए, न की जल को दूषित करके जल का अपमान करना चाहिए। और इसका सबसे बड़ा उदहारण भारत में कोरोना के कारण हुई ताला बन्दी हैं।

जिससे बड़ी बड़ी फ़ैक्टरिया बंद रही, और दूषित जल का प्रभाव नहीं हो पाया और इससे जल दूषित से स्वच्छ जल में परवर्तित हो गया। और इस बात से जाहिर होता है, की अगर मनुष्य जल प्रदूषित नहीं करेगा तो न जल की कमी होगी और न ही जल से सम्बंधित समस्याओ का सामना करना पड़ेगा और जल संरक्षण का उद्देश्य भी पूरा किया जा सकेगा।

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जल संरक्षण के उदेश्य (jal sanrakshan) :-

जल संरक्षण (jal sanrakshan) का उद्देश्य मात्र इतना सा है, की जल को भविष्य के लिए और वर्तमान के लिए बचाया जाए ,और उसको बेफिजूल बर्बाद न किया जाए जिससे आने वाले समय में भी जीवन संभव हो।

पृथ्वी पर जीवन व्यापन के लिए जल का होना आवश्यक है, क्यूकी जहा जल है, वही कल हैं, पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए सिर्फ मनुष्य को ही नहीं जीव जन्तु को भी जल की आवश्यकता है। इसलिए जल के बिना जीवन संभव नहीं है, और कहा जाता है न जल की क़ीमत तभी पता चलती है जब प्यास लगती है। इसलिए इस परेशानी का सामना करने की वजह जरुरी है, की इस परेशानी में पड़े ही न इस उदेश्य को ध्यान में रखे।

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जल बचाने के उपाये (jal sanrakshan in hindi):-

जल बचाने के उपायों (water protection in hindi) का पालन करके हम जल को अधिक मात्रा में बचा सकते हैं। जल बचाने के लिए सबसे पहले हमें पानी को बर्बाद करना बंद करना होगा और वो हम तभी कर सकते हैं।

जब हम पानी को उतनी ही मात्रा में प्रयोग करे जितनी हमें जरुरत हैं,जैसे पीने का पानी उतना ही ले जितनी जरुरत हैं, और नल को तभी तक खोले जब तक जितना पानी चाहिए उतना भर न जाए और नहाने में भी उतना ही जितना जरुरी है नाकि फिजूल खर्च करे और सफाई करने में भी कम से कम पानी का प्रयोग करें और कोशिश करे की पानी को ज़रा सा भी बर्बाद न कर सके इसी तरह हम पानी की किलतो से भी निजात पा सकेंगे और वर्तमान और भविष्य को सांबर सकेंगे।

निष्कर्ष :-

जल संरक्षण (jal sanrakshan par nibandh) को ध्यान में रखते हुए निष्कर्ष की बात करें, तो यह निष्कर्ष निकलता हैं,की बचपन से ही हम सब को यह पढ़ाया जाता हैं, की जल ही जीवन हैं और यह हम सब को पता भी हैं,लेकिन इस बात पर कुछ ही लोग अमल करते हैं,बाकी इस बात का महत्ब नहीं समझते हैं।

यह बात उन लोगो को समझ में तब आती है, जब उनको परशानियों का सामना करना पडता हैं, इसलिए जरुरी है की हम सभी जल ही जीवन के उदेश्य को समझे और परशानियों को आने का मौका ही ना दे।

आज जल समस्या दिन प्रतिदिन बढती ही जा रही जिससे पानी की कमी को खत्म करने से ज्यादा जरुरी दूषित पानी को स्वच्छ करना है क्यूकि बड़े शहरों में पानी इस हद तक दूषित हो चुका हैं, की आप उसको सीधे पी भी नहीं सकते क्यूकि आपने सीधे उसको पिया तो आप बीमार पड़ जाएंगे।

इसीलिए आपको पहले उसको आरो के माध्यम से स्वच्छ बनाना होगा फिर ही आप उसको पी सकते हैं, इसीलिए हम सभी नागरिकों का फ़र्ज है की हम जल बचाने के साथ साथ उसको दूषित करने से बचे और जल ही जीवन के उदेश्य का पालन करते रहे।