मथुरा के 5 खास मंदिर जहाँ पर आप को एक बार जरूर धूमने जाना चाहियें

    mathura me ghumne ki jagah

    आज आप ने सर्च किया mathura me ghumne ki jagah के बारे में क्यूंकि आप मथुरा में घूमना चाहते हैं लेकिन मथुरा शहर के बारे में आप को उचित जानकारी नहीं है। कोई बात नहीं, हम आप का मार्ग दर्शन कर रहे हैं इस ब्लॉग के माध्यम से जो आप को मथुरा नगरी के बारे में जानकारी दे रहा है। हम इस ब्लॉग पोस्ट में आप को mathura me ghumne ki jagah sabse acchi कौन सी हैं ऐसी जानकारी बता रहे हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आप को आज बताने वाले हैं। मथुरा का नाम सुनते ही सिर्फ एक ही धुन सुनाई देती है राधे राधे। भगवान् श्री कृष्ण का जन्म स्थान मथुरा अपने आप में एक अलग पहचान रखने वाला उत्तर भारत का एक पवित्र शहर है। 2500 साल पुराना इतिहास जिसका उल्लेख रामायण में भी किया गया है ऐसी पवित्र पावन भूमि पर है मथुरा शहर। यमुना नदी के किनारे बसा हुआ शहर अपने पुराने इतिहास और भगवान् कृष्ण के लीलाओं के लिए जाना जाता है। यह एक तीर्थ स्थल है और लाखों श्रद्धालु देश व विदेश से यहाँ आतें है। हिन्दू समाज में मथुरा शहर की बहुत प्रसिद्धि हैं। मथुरा में भगवान् श्री कृष्ण के अलग अलग अवतारों के अलग मंदिर है। mathura me ghumne ki jagah इतनी ज्यादा हैं आप थक जाओगे लेकिन जगह खत्म नहीं होंगी। इसलिए हम आप को ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं जो सबसे ज्यादा खास और सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हैं उनके बारे में यहाँ पर बता रहे हैं।

    नोट – इस ब्लॉग में हम आगे भी जानकारी अपडेट करते रहेगे, इसलिए इस ब्लॉग का url अपने whatsapp, या फिर अपने फ़ोन में सुरक्षित रख लें।

    हम आप को एक तरह से आप को बता रहे हैं की आप को कैसे मथुरा तक पहुँचना है, क्या यहाँ पर खाना प्रसिद्ध है। ऐसी सभी बातें बता रहे हैं जिससे आप का मथुरा का सफर और भी ज्यादा खास बन जाएगा। बस आप से निवेदन है आप हमारे इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ रिश्तेदारों के साथ जरुर शेयर करेंगे अगर आप को जानकारी अच्छी लगे।

    Mathura me ghumne ki jagah ले बारे में जानकारी –

    कृष्ण जन्म भूमि –

    Mathura me ghumne ki jagah कृष्ण जन्म भूमि

    मथुरा में अगर आप आये हैं तो सबसे पहले बस स्टैंड / या फिर रेलवे स्टेशन से सबसे पहले आप को shri krishna janmabhoomi mathura देखने जाना है जो सबसे ज्यादा नजदीक है। आप की जानकारी के बता ये वही जगह है जहाँ पर भगवान् कृष्ण का जन्म हुआ था। अगर आप को याद हो या फिर आप ने सुना हो की भगवान् श्री कृष्ण न जन्म कंश की जेल में हुआ था जो श्री कृष्ण के मामा थे। आप की जानकारी के बता दें अगर आप कृष्ण जन्म भूमि जा रहे हैं तो यहाँ पर अंदर फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी करना वर्जित है। आप यहाँ पर किसी भी तरह से मोबाइल फ़ोन, कैमरा जन्म भूमि के प्रांगड़ में न के कर जाए बरना आप पर जुरमाना लगाया जा सकता है। जन्म भूमि में आप को उस जगह को देखने को मिलेगा जिस जगह पर भगवान् श्री कृष्ण ने जन्म लिया था। यहीं से श्री कृष्ण के पिता वासुदेव उनको यमुना पार करके गोकुल में माता यशोदा के पास ले गए थे।

    यहाँ पर हम आप के साथ कृष्ण जन्म भूमि की कुछ तस्वीरें आप के साथ साँझा कर रहे हैं। जो हमारे द्वारा ही click की गयी हैं। आप को फोटो जरूर से पसंद आएगी।

    द्वारिकाधीश मंदिर –

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    यह मंदिर मथुरा का बहुत प्रसिद्ध मंदिर है लाखों कृष्ण भक्त यहाँ हर महीने आते है। आप की जानकारी के लिए बता ये मंदिर भी बहुत पुराना मंदिर है। इस मंदिर में आप को द्वारिकाधीश भगवान् यानी द्वारिका के राजा के दर्शन करने को मिलेगें। यानि भगवान् श्री कृष्ण के वो ही द्वारिका नगरी के राजा हैं। द्वारिकाधीश मंदिर होली गेट मथुरा के पास स्थित है जहाँ पर आप बहुत ही आसानी से पहुंच सकते हैं। होली गेट में घुसते ही आप को एक बहुत लम्बी सी रोड दिखाई देगी और रोड के दोनों तरह बाजार। होली गेट की ये रास्ता सीधे द्वारिकाधीश मंदिर की तरह जाता है। आप को इस रास्ते पर बहुत साड़ी भीड़ मिलने वाली है।

    आप को लोग मंदिर की तरह जाते हुए मिल जायेगें। यहाँ पर रुकने के लिए धर्मशालायें भी हैं और खाने पीने के लिए भी अच्छी सुविधा हैं। अगर आप ट्रैन से आ रहे हैं तो आप होली गेट के लिए auto कर लीजिये। आप होली गेट से पैदल ही मंदिर तक जायेगें तो ज्यादा अच्छा है रिक्शा या ऑटो लेने की जरुरत नहीं है। क्यूंकि पैदल आप जल्दी पहुंच सकते हैं बजह आप रिक्शा ले क्यूंकि भीड़ ज्यादा होती है। अगर आप पैदल जाते है तो आप को बहुत ही आनंद और पुराने बनी हुई इमारतों को देखने में अलग ही आनंद आएगा। आप को होली गेट के पास अच्छे होटल भी मिल जायेगें। अगर आप इस इलाके में समय व्यतीत करना चाहते हैं।

    विश्राम घाट –

    mathura me ghumne ki jagah विश्राम घाट

    द्वारिकाधीश मंदिर के पास में ही विश्राम घाट है और यहाँ का नजारा बहुत ही शानदार है। यमुना नदी अपने विशाल रूप में आप को यहाँ पर नजर आएगी। आप यहाँ पर नौका विहार कर सकते है। विश्राम घाट की दूसरी और कई सारे पुराने मंदिर है जिनको दिखने के लिए आप नाव से जा सकते हैं। आप यहाँ पर अच्छी फोटो, वीडियोस सभी बना सकते हैं। लेकिन कुछ विशेष बातों का ध्यान आप सभी को रखना पड़ेगा। आप को यहाँ पर कुछ लोगों से सावधान रहना पड़ेगा जो हो सकता है आप को ठगने की कोशिश में रहे हैं नाव वालों का किराया भी ध्यान से तय करें।

    आप कर किसी और शहर से आ रहे हैं तो ये किराया आप के बहुत ज्यादा हो सकता है। इस जगह जाने से पहले थोड़ी जानकारी लें। भले ही मथुरा एक तीर्थ स्थल है लेकिन लूट करने वालों का कोई ईमान और धर्म नहीं होता है। यहाँ की सुंदरता, आप का मन मोह लेगी। आप को ऐसा लगेगा आप मथुरा नगरी में ही बस रह जाए। विश्राम खाट पर लोग पिंड दान, पितृ पूजा करने भी आते हैं। यह एक धार्मिक स्थल है। घाट के पल्लीपार दुरभाषा ऋषि का आश्रम है। उसको देखने के लिए आप नाव से पल्लीपार जा सकते हैं। मथुरा जा रहे हैं तो आप को एक बार जरूर जाना चाहियें आप को बहुत आनंद आएगा।

    कंश का किला –

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    द्वारिकाधीश मंदिर के थोड़ी दूरी पर ही आप को कंश का किला भी देखने के लिए मिल जाएगा। काफी बड़ी जगह में यह किला बना हुआ है। अगर आप पुरानी, इतिहास से जुडी हुई चीजों को ज्यादा पसंद करते है तो आप के लिए यह जगह बहुत ही पसंद आएगी। बैसे यहाँ पर देखने के लिए विशेष कुछ नहीं है। कंश का किला एक बहुत ही प्राचीन किला है और पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आता है। किले में एक कुआँ भी है, पुराने समय की आकृतियाँ आप को देखने को मिलेगी। किले का कुछ हिस्सा टूट गया है लेकिन जैसे ही आप इस किले के टॉप में पहुँचेगे आप को मथुरा नगरी ऊचाई से देखने का मौका मिलेगा और यमुना नदी के दर्शन भी होंगे। एक बार जरुर देखने जाएँ।

    रंगजी मंदिर वृंदावन

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    यह रंगजी मंदिर मान्यता के अनुसार, गोदा देवी ने भगवान रंगमन्नार या भगवान विष्णु को प्राप्त करने के लिए उपवास और प्रार्थना की थी। भगवान रंगमन्नार या भगवान रंगनाथ, जो कोई और नहीं बल्कि भगवान कृष्ण थे, ने उनका दूल्हा बनकर उनकी इच्छा पूरी की। मंदिर में, भगवान रंगनाथ को दूल्हे के रूप में उनके दाहिनी ओर अंडाल के साथ चलने वाली छड़ी के साथ पूजा जाता है। श्री रंगनाथ जी मंदिर तमिलनाडु के श्रीरंगम में रंगनाथस्वामी मंदिर से प्रेरित है। यह आपको दक्षिण भारतीय और उत्तर भारतीय परंपराओं और प्रभावों के समामेलन से मंत्रमुग्ध कर देता है। यहाँ की बहुत मान्यता है आप को एक बार यहाँ पर जरुर जाना चाहियें। यहाँ पर आप को अच्छा लगेगा। यह रंगजी मंदिर वृंदावन में मथुरा मार्ग पर स्थित है। अगर मथुरा आये हैं तो एक बार जरुर देखने जाएँ।

    विशेष – बैसे तो मथुरा में 12 महीने भक्तों की भीड़ रहती है लेकिन यह भीड़ हफ्ते के आखिरी दिनों जैसे शनिवार और रविवार को ज्यादा बढ़ जाती है उसका कारण है लोग अपने परिवार के साथ दिल्ली, नॉएडा, आगरा जैसे पास के महानगरों से घूमने आ जाते है। इसलिए भीड़ बहुत ज्यादा हो जाती है ऐसे में अगर आप मथुरा को थोड़ा शांति से देखना चाहते है तो हफ्ते के शुरुआती दिनों में आएं जिससे आप को कम भीड़ देखने को मिलेगी और आप को हर मंदिर में दर्शन करने में आसानी भी होगी।

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