Prem Mandir Vrindavan Mathura: प्रेम मंदिर वृंदावन के दर्शन की पूरी जानकारी

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Prem Mandir Vrindavan आप भी देखना चाहते है लेकिन आप के पास सही जानकारी नहीं है और आप नहीं जानते है की कैसे आप Prem Mandir Vrindavan में जो स्थित है आप कैसे पहुँच सकते है। लेकिन यह जानकारी देने से पहले हम आप आप सभी को prem mandir के बारे में जानकारी दे रहे हैं जिससे आप को इस मंदिर के विषय में और भी ज्यादा बातें समझ में आ जायेगी। Prem Mandir Vrindavan में बनाया गया है। इसका इतिहास पुराना नहीं है 2001 में इस मंदिर को बनाना शुरु किया गया था। आज के समय में यह मंदिर बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है लोग दूर दूर से इस मंदिर को देखने के लिए आते हैं। इस मंदिर का निर्माण श्री कृपालुजी महाराज जी ने कराया है। Prem Mandir Vrindavan का एक बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है इस मंदिर की छवी को राधा श्याम और सीता राम को समर्पित किया गया है। आप की जानकारी के लिए बता दें पूरे वृंदावन में सबसे सुंदर मंदिर है। यह मंदिर सफ़ेद संगमरमर से बनाया गया है। पूरे मंदिर पर बहुत ही खूबसूरत नक्काशी का काम किया गया है। prem mandir vrindavan में आरती के समय भक्तों की बहुत ज्यादा भीड़ होती है। रात्रि के समय prem mandir की खूबसूरती में चार चाँद लग जाते है। इसलिए अधिकतर लोग इसको रात्रि के समय देखने आते है।

prem mandir day view

प्रेम मंदिर एक बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है जो भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश जो आबादी के हिसाब से, में मथुरा जिले के पास वृंदावन में है। भगवान राधा कृष्ण और सीता राम को समर्पित इस मंदिर को श्री जगद्गुरु कृपालु महाराज ने बनवाया था। यह मंदिर वृंदावन में बने अन्य मंदिरों में सबसे अलग है, जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन आते हैं। यह मंदिर प्राचीन भारतीय स्थापत्य के पुनर्जागरण का नमूना है। Prem Mandir Vrindavan वृंदावन उत्तर भारत के मुख्य धार्मिक स्थलों में से एक है। यहाँ पर बहुत सारे कृष्ण जी के मंदिर है। लोग इन मंदिरों के दर्शन करने आते है।

प्रेम मंदिर की आधार शिला जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने 14 जनवरी 2001 को रखी थी। प्रेम मंदिर श्री वृंदावन धाम को समर्पित है और जगद्गुरु कृपालु प्रिशत के प्रायोजन के तहत बनाया गया था, जो एक अंतरराष्ट्रीय, गैर-लाभकारी, आध्यात्मिक, शैक्षिक, सामाजिक और धर्मार्थ संगठन है। संगठन की स्थापना स्वयं जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने की थी। मंदिर को पूरा करने में लगभग 11 से 12 साल लगे, और 15 फरवरी से 17 फरवरी 2012 तक उद्घाटन समारोह के बाद, उसी वर्ष 17 फरवरी 2012 को मंदिर को अंततः जनता के लिए खोल दिया गया। अब आप भी यहाँ जा कर इस मंदिर के दर्शन कर सकते है।

प्रेम मंदिर का स्थापत्य – (Architecture of Prem Mandir)

इस सुंदर मंदिर की संरचना को पूरा करने के लिए एक हजार कारीगरों ने दिन-रात काम किया था , और निर्माताओं ने करीब 150 करोड़ रुपये खर्च किये ऐसा अनुमानित है । प्रेम मंदिर की आकृति मंत्रमुग्ध कर देने वाली है, जो इसको बनाने पर खर्च की गई भारी मात्रा में धन और समय के साथ न्याय करती है। आप को देख कर ऐसा नहीं लगेगा की जो पैसा इसको बनाने में खर्च किया गया है वो सही नहीं। इतनी सुंदरता और अनोखी झलक आप को इस मंदिर में देखने के लिए मिलेगी जिसकी बजह से आप का मन मंत्रमुग्ध हो जाएगा।

राजस्थानी शैली में निर्मित, प्रेम मंदिर वृंदावन के बाहरी इलाके में 54 एकड़ जमीन पर स्थित है। पूरी संरचना का निर्माण उच्चतम गुणवत्ता के इतालवी संगमरमर का उपयोग करके किया गया है। पूरी संरचना 125 फुट ऊंची, 122 फुट लंबी और 115 फुट चौड़ी है।

मंदिर के दरवाजे और खिड़कियां खूबसूरती से बनायीं गई हैं, और दीवारों और फर्श को रंगीन कीमती पत्थरों से सजाया गया है जो कलियों और फूलों के साथ खिलने वाली फूलों की लताओं को चित्रित करते हैं। मुख्य गर्भगृह और छत पर उत्कीर्णन भी उत्तम हैं और देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। खंभे सुंदर मूर्तियों के साथ कठिनाई रूप से बनाये गए हैं जो विभिन्न तरीकों से श्री राधा कृष्ण की सेवा करने वाली सखियों और मंजरी सखियों को दर्शाती हैं।

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पूरा मंदिर सुंदर झूमरों की कोमल रोशनी से खूबसूरती से जगमगाता है और वास्तव में देखने लायक है। प्रेम मंदिर की लाइटिंग हर पांच मिनट में रंग बदलती है जिसको देख आप के मन को बहुत संतुष्टि मिलेगी और यह नजारा मंत्रमुग्ध करने वाला होता है मंदिर में एक परिक्रमा मार्ग भी है, जिसमें श्री राधा कृष्ण के अतीत को दर्शाते हुए सभी 48 सूची हैं। मंदिर के बाहरी हिस्से में 84 सूची भी स्थापित किए गए हैं और श्रीकृष्ण के प्रेमपूर्ण अतीत को प्रदर्शित करते हैं।

prem mandir attraction

इसके अलावा, कृष्ण लीला के कई चित्र, या भगवान कृष्ण के चमत्कार भी मंदिर के अंदर पाए जा सकते हैं। मंदिर की पहली मंजिल पर भगवान कृष्ण और राधा की शानदार छवि वाली मूर्तियाँ हैं, जबकि दूसरी मंजिल भगवान राम और सीता को समर्पित है। पूरा प्रेम मंदिर सच में एक प्रेम को समर्पित हैं।

Prem Mandir Vrindavan में क्या देखने को मिलता है

बैसे तो प्रेम मंदिर वृंदावन खुद में ही ऐसी प्रतिमा इमारत है जिसको देख कर आप खुश हो जायेगे। बहुत ही सुन्दर झांकिया और चित्रकारी आप को देखने को मिलेगा। फाउंटेन शो भी आप को देखने को मिलेगा।

प्रेम मंदिर का म्यूजिकल फाउंटेन

मंदिर में एक आकर्षक विशेषता म्यूजिकल फाउंटेन शो है जो हर शाम 7:00 बजे से 7:30 बजे तक होता है। भक्त जेट से बहते हुए पानी के शानदार दृश्यों का आनंद लेना पसंद करते हैं और फिर सर्वशक्तिमान की स्तुति में गाए जाने वाले कीर्तन पर झूमते और नृत्य करते हैं।

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वृन्दावन लीला झांकी (झांकी प्रस्तुति): जैसे ही आप प्रेम मंदिर में प्रवेश करते हैं, आपको कृष्ण की विभिन्न लीलाओं को दर्शाने वाली कई झांकी प्रस्तुतियां मिलेंगी। उसके आसपास काफी संख्या में लोग फोटो लेने और सेल्फी लेने के लिए जमा हो गए। वहाँ एक गोवर्धन पर्वत लीला दर्शन का निर्माण भी किया गया है जहाँ कृष्ण और व्रजवासी गोवर्धन पर्वत को उठा रहे हैं। उन्होंने इसे वाकई बेहद खूबसूरत तरीके से बनाया है।

प्रेम मंदिर के उद्यान वास्तव में शानदार बनाए हुए हैं और महलनुमा और शाही दिखते हैं।

वास्तुकला: मंदिर में सफेद संगमरमर के अंदरूनी भाग, डिजाइन और उत्कीर्णन प्रशंसा के योग्य हैं।

Prem Mandir Vrindavan Video

प्रेम मंदिर वृंदावन रोचक तथ्य (Interesting facts about prem mandir vrindavan) –

  • वृंदावन में स्थित यह भव्य मंदिर लगभग 54 एकड़ में बना है और इसकी ऊंचाई 125 फीट, लंबाई 122 फीट और चौड़ाई 115 फीट है।
  • इस मंदिर के निर्माण में इटैलियन कैरारा मार्बल का इस्तेमाल किया गया है। सफेद संगमरमर की दीवारों पर की गई बारीक नक्काशी मंदिर की सुंदरता में चार चांद लगाती है।
  • इस मंदिर को बनने में 11 साल का समय लगा था और इसकी कुल निर्माण लागत लगभग 150 करोड़ रुपये है।
  • इस भव्य मंदिर को राजस्थान और उत्तर प्रदेश के करीब 1000 शिल्पकारों ने मिलकर तैयार किया है।
  • मंदिर के निचले तल पर राधा-कृष्ण का मंदिर है, जबकि प्रथम तल पर सीता राम का मंदिर है।
  • इसके मुख्य प्रवेश द्वार में आठ मोर-नक्काशीदार तोरण हैं और मंदिर की बाहरी दीवारें भगवान कृष्ण और राधा की लीलाओं को दर्शाती हैं।
  • इसके गर्भगृह की दीवार की मोटाई 8 फुट है, जिस पर एक विशाल शिखर, एक स्वर्ण कलश और एक ध्वजा स्थापित है।
  • मंदिर में कुल 94 स्तंभ हैं जो राधा-कृष्ण की विभिन्न लीलाओं से सुशोभित हैं। यह मंदिर वास्तुकला के माध्यम से दिव्य प्रेम का प्रतीक है।
  • मंदिर के गर्भगृह के बाहरी और भीतरी भाग में प्राचीन भारतीय स्थापत्य कला की उत्कृष्ट पच्चीकारी और नक्काशी की गई है तथा संगमरमर के पत्थरों पर सरल भाषा में राधा गोविन्द गीत लिखा गया है।
  • मंदिर के भवन में गोवर्धन पर्वत की झांकी भी है, जो सजीव प्रतीत होती है।
  • मंदिर में फव्वारे, राधा-कृष्ण की सुंदर झांकियां, श्री गोवर्धन लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीला उद्यानों के बीच सजी हुई हैं।
  • इस मंदिर के खुलने का समय सुबह 5.30 बजे से रात 8.30 बजे तक है।
  • मंदिर में सभी धर्मों के लोगों को प्रवेश की अनुमति है और सभी लोगों के लिए प्रवेश पूरी तरह से निःशुल्क है।

हम आशा करते हैं आप सभी को हमारी आज की जानकारी Prem Mandir Vrindavan के बारे में अच्छी लगी होगी। आप इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।

संदर्भ
प्रेम मन्दिर | जिला मथुरा, उत्तर प्रदेश सरकार
विकिपीडिया
वृंदावन में प्रेम मंदिर