Home Essay Knowledge गणतंत्र दिवस 2021 पर निबंध | Republic Day Essay 2021 in Hindi

गणतंत्र दिवस 2021 पर निबंध | Republic Day Essay 2021 in Hindi

गणतंत्र दिवस पर निबंध

26 जनवरी (गणतंत्र दिवस पर निबंध) भारत देश का एक राष्ट्र पर्व है और ये पर्व सभी भारत देश के नागरिकों के लिए बहुत अहमियत रखने वाला दिन है। ये दिन अपने अंदर बहुत बड़ा इतिहास संजोये हुए है आप सभी को आज 26 जनवरी के इतिहास को अपने दिलों में रखना चाहियें। ये दिन बहुत ही खास है हम सभी के लिए। 26 जनवरी के दिन ही भारत देश का संबिधान लागू हुआ था। इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया है। भारत देश के सभी लोग इस दिन को राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाते है। 26 जनवरी के दिन पूरे देश में जगह जगह पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जानता हैं। स्कूलों में बच्चे भी बहुत सारे प्रोग्राम आयोजित करते है। इस दिन गणतंत्र और संविधान दोनों हमारे देश में लागू हुए और इसलिए 26 जनवरी बहुत ही गर्व का दिन है।

गणतंत्र दिवस 2021 (Essay on Republic Day of India 2021)

भारत देश में हर साल २६ जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और इसी दिन भारत देश का संविधान लागु किया गया था। २६ जनवरी को राष्ट्र अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन जैसे ही संसद में संविधान लागू किया गया था तभी से हमारा भारत देश पूर्ण रुप से लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया था।

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गणतंत्र दिवस पर भव्य कार्यक्रमों का आयोजन

भारत देश की शक्तिशाली तीनों सेनाओं (जल, थल और नव ) द्वारा भव्य आयोजन किया जाता हैं। भारतीय सेनाओं की परेड होती है जो शक्ति का प्रदर्शन करती है और ये परेड विजय चौक से शुरु होकर इंडिया गेट पर समाप्त होती है। सेनाएं अपने शक्तिशाली हथियारों, लड़ाकू विमानों, तोपों का प्रदर्शन करती है और भारत की शक्ति को दर्शाती है। ये नजारा देखने में बहुत ही आनंदमय होता है और हर एक देश के नागरिक को अपने देश के शक्तिशाली होने पर गर्व की अनुभूति करता है। राष्ट्रपति हो तीनो सेनाये सलामी देते हुए आगे की हो बढ़ती रहती है। बीच बीच में भारत देश के प्रतिभाशाली लोक गीत, नृत्य का आयोजन भी किया जाता है। पूरे देश के राज्यों के संस्कृति और परंपरा से जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है। हमारी भारतीय वायुसेना के विमानों द्वारा हमारे भारत देश के झंडे के तीन रंग वाले फूलों की बारिश की जानती है।

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गणतंत्र दिवस का इतिहास (History of Republic Day India)

15 अगस्त 1947 को जब भारत देश आजाद हो गया था उसके बाद भारत देश को कई सारे नियमों को बनाना था और इस पर विचार करने के लिए एक ड्राफ्टिंग कमेटी बनायीं गयी जिसको 28 अगस्त 1947 को भारत के स्थाई संविधान का प्रारूप तैयार करने की कमान सौपी गयी। 4 नवंबर 1947 को डॉ बी.आर.अंबेडकर की अध्यक्षता में भारत देश के संबिधान के प्रारूप को सदन के समक्ष रखा गया। भारत देश के संविधान को पूरा होने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिनों का समय लगा। 26 जनवरी 1950 में संबिधान लागू किया गया और भारत देश में पूर्णं स्वराज आया।

गर्व और यश का राष्ट्र त्यौहार

बहुत लंबा समय अंग्रेजों के शासन की गुलामी को ख़त्म करने तक की लड़ाई बहुत ही परेशानी भरी होने, और कई बीर योद्धा जिन्होंने आजादी के लिए अपनी जाने दी उन सभी के वलिदान का फल हमें 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को अंग्रेजो से छुटकारा मिलने के बाद मिला। और इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए 2 साल 11 महीने 18 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद 26 जनवरी 1950 में हमारे देश में पूर्ण गणराज्य स्थापित हुआ। सभी की मेहनत रंग लायी और हमारी संबिधान लागू किया गया।

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राष्ट्रीय पर्व – एकता में शक्ति का प्रतीक

पूरे भारत देश में राज्य स्तर पर और राष्ट्र की राजधानी में कार्यक्रमो को आयोजित किया जाता हैं। विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक परेड होती है। राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराया जाता है और उसके बाद राष्ट्रगान होता है। भारत की तीनो सेनाएं परेड और अपने साहस का प्रदर्शन करती है। और अंत में जन गन मन गीत की ध्वनि पूरे वातावरण को आनंदित कर देती है।

स्कूलों में भव्य आयोजन

पूरे देश के राज्यों में स्कूलों में छोटे बच्चे देश भक्ति के गीत गाते है और कुछ अनोखे कार्यक्रमो को करते हैं। छोटे बच्चे हमारे शहीद लोगो के किरदारों की भेषभूषा में नाटक प्रस्तुत करते है। और अंत में लड्डू या कोई फल ले कर अपने घर को चले जाते है। स्कूलों में भी तिरंगा रोहण किया जाता है और राष्ट्र गीत का गान भी किया जाता है।

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