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शनि देव को कैसे प्रसन्न करे? चालीसा, कथा, आरती, तुरंत खुश करने के उपाय जानिए

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शनि देव को कैसे प्रसन्न करे लोग हमेशा गूगल पर इस बात को सर्च करते रहते हैं और आप को शनिवार के दिन हर शनि मंदिर में लोगों की भीड़ आप को देखने को मिलेगी इससे आप अंदाजा लगा सकते है की लोगों के जीवन में किसी न किसी बजह से कुछ परेशानी हैं और उनसे बचने के लिए कुछ न कुछ उपाए करते हैं। ऐसे में गूगल सर्च पर भी शनि देव को कैसे प्रसन्न करे इसको बहुत ज्यादा सर्च कर रहे है। ऐसा करने के की बजह है शनि देव को प्रसन्न करना हैं जिससे वे अपनी कृपा करें और आम जन मानस का जीवन सरल बन सके।

शनि देव को प्रसन्न करना इतना आसान नहीं है इसलिए लिए आप को उनकी पूजा अर्चना साफ़ दिल और पूरी विधि विधान से करनी होती है। आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आप को श्री शनि देव जी की पूजा करने का बहुत ही आसान और ऐसा तरीका बता रहे हैं जिससे आप की पूजा भी सफल हो जायेगी और आप को शनि देव पूजा का फल भी मिलेगा। पूजा करने की विधि और सही तरीका जान्ने से पहले कुछ आदते अपने जीवन में आप सुधार में लानी होंगी तभी यह जप और तप काम आएगा। अगर आप ने इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो आप कभी भी शनि देवता को प्रसन्न नहीं कर सकते हैं।

  • ऐसे जीव जो बहुत सूछ्म है उनकी सेवा करना। जैसे चीटी, चिड़ियाँ। ऐसे छोटे जीवों का ध्यान रखना। बिना बजह इनको मारना भी एक अपराध की श्रेणी में आता है। आप हफ्ते में एक बार जरूर चीटी को कुछ खाने को दान करें।
  • किसी गरीब व्यक्ति की मदद करना। अगर कोई व्यक्ति जिसको आप भोजन खिला सकते है तो जरूर हफ्ते में एक बार भोजन का दान करें।
  • समाज में औरतों की इज्जत करना और उनको गलत मानसिकता से देखना भी एक पाप है। अपने बुद्धि को शीतल और पवित्र रखें।
  • सुबह ब्रह्म महूरत में जागना और उस समय कुछ देर प्रार्थना करें।
  • शुद्ध भोजन करें। किसी भी प्रकार के मांस, मदिरा, का सेवन न करें।
  • अपनी बाणी में मिठास ले कर आएं और हमेशा किसी भी व्यक्ति के दिल को ठेस न पहुँचायें।

इस पोस्ट के माध्यम से हम आप को shani dev ki puja kaise karen इसके विषय में पूरी जानकारी दे रहे हैं। आप सभी हमारी इस पोस्ट को पढ़ कर shani dev ki puja kaise karen यह सीख सकते हैं। shani dev maharaj ki katha का वर्णन भी हमने इस पोस्ट में किया है।

शनि देव चालीसा –

शनि देव चालीसा शुरु करने से पहले हम आप को शनि देव चालीसा पढ़ने के कुछ नियम बता देते है। शनि चालीसा शनिवार के दिन सुबह और शाम दोनों समय पर इसका पाठ किया जाता है। इसका पाठ करने से शनि देव की कृपा होती है और आप के काम पूर्ण होते है लेकिन शनि चालीसा पाठ अगर आप करना चाहते है तो आप कोशिश करें की शनि देव के मंदिर में जा कर मन ही मन शनि चालीसा का पाठ करें। और एक दीपक सरसों के तेल का, उसमें थोड़े से काले टिल, और एक लोहे की कील अवश्य दीये में रखे। शनि देव चालीसा पढ़ते समय अपने मन को साफ़ रखे किसी भी तरह के गलत सोच के बारे में बिचार न करें। हमने यहाँ पर पूरा शनि चालीसा दिया है आप यहाँ से भी पढ़ सकते हैं।

दोहा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

शनि देव चालीसा

जयति जयति शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।
माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥
परम विशाल मनोहर भाला।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।
हिय माल मुक्तन मणि दमके॥
कर में गदा त्रिशूल कुठारा।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥
पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥
सौरी, मन्द, शनी, दश नामा।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं।
रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥
पर्वतहू तृण होई निहारत।
तृणहू को पर्वत करि डारत॥
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥
बनहूँ में मृग कपट दिखाई।
मातु जानकी गई चुराई॥
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।
मचिगा दल में हाहाकारा॥
रावण की गति-मति बौराई।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥
दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग बीर की डंका॥
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।
चित्र मयूर निगलि गै हारा॥
हार नौलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी॥
भारी दशा निकृष्ट दिखायो।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥
विनय राग दीपक महं कीन्हयों।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी॥
तैसे नल पर दशा सिरानी।
भूंजी-मीन कूद गई पानी॥
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।
पारवती को सती कराई॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।
बची द्रौपदी होति उघारी॥
कौरव के भी गति मति मारयो।
युद्ध महाभारत करि डारयो॥
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।
लेकर कूदि परयो पाताला॥
शेष देव-लखि विनती लाई।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥
वाहन प्रभु के सात सुजाना।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥
जम्बुक सिंह आदि नख धारी।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा।
सिंह सिद्धकर राज समाजा॥
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी॥
तैसहि चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥
समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।
दीप दान दै बहु सुख पावत॥
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा

शनिदेव की कथा – (shani dev maharaj ki katha)

शनिदेव की कथा को पढ़ने वाला और सुनने वाला व्यक्ति शनि देव की विशेष कृपा का पात्र बनता है शनिदेव की कथा (shani dev maharaj ki katha) को शनिवार के दिन पड़ने से जीवन में खुशहाली आती है और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है। शनिदेव की कथा करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

अगर आप शनि कथा पढ़ना चाहते है तो सुबह उठ कर नित्य कर्मों कर फूल, दीप, धूप, से श्री शनि देव जी का पूजन करने उसके बाद कथा पढ़ें अगर हो सके तो कथा को शनि मंदिर में जा कर शनि देव की मूर्ति के समक्ष बैठ कर मन ही मन पढ़ें। इससे आप को शनि देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी। चलिए अब आप को शनि देव की कथा के बारे में बताते है।

शनि, भगवान सूर्य तथा छाया के पुत्र हैं। इनकी दृष्टि में जो क्रूरता है, वह इनकी पत्नी के शाप के कारण है। ब्रह्मपुराण के अनुसार, बचपन से ही शनिदेव भगवान श्रीकृष्ण के भक्त थे। बड़े होने पर इनका विवाह चित्ररथ की कन्या से किया गया। इनकी पत्नि सती-साध्वी और परम तेजस्विनी थीं।

एक बार पुत्र-प्राप्ति की इच्छा से वे इनके पास पहुचीं पर ये श्रीकृष्ण के ध्यान में मग्न थे। इन्हें बाह्य जगत की कोई सुधि ही नहीं थी। पत्नि प्रतिक्षा कर थक गयीं तब क्रोधित हो उसने इन्हें शाप दे दिया कि आज से तुम जिसे देखोगे वह नष्ट हो जाएगा। ध्यान टूटने पर जब शनिदेव ने उसे मनाया और समझाया तो पत्नि को अपनी भूल पर पश्चाताप हुआ, किन्तु शाप के प्रतिकार की शक्ति उसमें ना थी। तभी से शनिदेव अपना सिर नीचा करके रहने लगे। क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके द्वारा किसीका अनिष्ट हो।

शनि के अधिदेवता प्रजापति ब्रह्मा और प्रत्यधिदेवता यम हैं। इनका वर्ण इन्द्रनीलमणी के समान है। वाहन गीध तथा रथ लोहे का बना हुआ है। ये अपने हाथों में धनुष, बाण, त्रिशूल तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। यह एक-एक राशि में तीस-तीस महीने रहते हैं।

यह मकर व कुम्भ राशि के स्वामी हैं तथा इनकी महादशा 19 वर्ष की होती है। इनका सामान्य मंत्र है – “ऊँ शं शनैश्चराय नम:” इसका श्रद्धानुसार रोज एक निश्चित संख्या में जाप करना चाहिए।

शनिवार का व्रत यूं तो आप वर्ष के किसी भी शनिवार के दिन शुरू कर सकते हैं परंतु श्रावण मास में शनिवार का व्रत प्रारम्भ करना अति मंगलकारी है । इस व्रत का पालन करने वाले को शनिवार के दिन प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की प्रतिमा की विधि सहित पूजन करनी चाहिए।

शनि भक्तों को इस दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लाजवन्ती का फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पण करना चाहिए। शनि देव के नाम से दीपोत्सर्ग करना चाहिए।

शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो उसके लिए क्षमा याचना करनी चाहिए। शनि महाराज की पूजा के पश्चात राहु और केतु की पूजा भी करनी चाहिए।

इस दिन शनि भक्तों को पीपल में जल देना चाहिए और पीपल में सूत्र बांधकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए। शनिवार के दिन भक्तों को शनि महाराज के नाम से व्रत रखना चाहिए।

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औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं?

औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं? यह सवाल बहुत लोगों के मन में आता रहता है हम आप को बताते है की क्या है आखिर सच। आप सभी जानते है शनि देव बहुत जल्दी नाराज हो जाते है और अगर एक बार शनि देव किसी पर नाराज हो जाते है तो इसका असर बहुत खतरनाक हो सकता है। लेकिन यह भी सच है शनि देव जिस पर कृपा कर देते है उसका जीवन सुखमय हो जाता है। औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं? अब बात यह आती है। मान्यता यह है की किसी भी महिला को शनि देव की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए और न ही मूर्ति पर तेल चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से महिलाओं को परेशानी का सामना करना पढ़ सकता है। लेकिन अगर किसी महिला पर शनि देव का प्रभाव है उस राशि पर शनि देव हैं तो वह महिला शनि देव का पूजन कर सकती है लेकिन मूर्ति स्पर्श नहीं करना है। पीपल के पेड़ के पास दीपक जला कर, शनिवार के दिन दान कर शनि देव की पूजा अर्चना कर सकती है।

शनिदेव फोटो –

शनिदेव फोटो शनि देव की मूर्ति
शनिदेव फोटो
शनिदेव फोटो

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शनि देव की आरती

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।

सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

जय जय श्री शनि देव....

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।

नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

जय जय श्री शनि देव....

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।

मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

जय जय श्री शनि देव....

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।

लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥

जय जय श्री शनि देव....

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।

विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥

जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

शनि को तुरंत खुश करने के उपाय –

अगर आप भी शनि देव को खुश करना चाहते है या फिर आप की राशि पर शनि देव का प्रकोप हल रहा है तो शनि को तुरंत खुश करने के उपाय आप के लिए भी जानना बहुत अहम् है। हम आप को ऐसे उपाए यहाँ पर बताने वाले है जो अगर आप ने अपने जीवन में हमारे बताये गए उपायों को अपना लिया तो शनि देव के साथ साथ सभी देवता आप से खुश हो जायेगे और आप पर अपनी कृपा की बारिश करेंगे। शनि को तुरंत खुश करने के उपाय यहाँ हम बता रहे हैं लेकिन ऐसा जरुरी है की ये आप के लिए तुरंत ही काम करें क्यूंकि शनि देव को खुश करना इतना आसान नहीं है इसलिए बस आप को कोशिश शुरु कर देनी है और आप पर जरूर शवि देव अपना कृपा करेंगे।

  • हर शनिवार के दिन शनि देव के मंदिर जाना है और एक तेल का दीया जिसमें काले तिल, तेल सरसों का, एक छोटा लोहे की कील, होना चाहिए उसको शनि देव के समक्ष प्रज्वलित कर शनि देव के समक्ष रखें।
  • शनि देव की आरती और शनि देव की चालीसा का स्मरण करें। ऐसा करते है समय सिर्फ और सिर्फ भगवान श्री शनि देव के बारे में ही ध्यान करें।
  • गरीब व्यक्ति को भोजन जरुर कराएं और थोड़ा सा भोजन जरुर दान करें।
  • शनि को तुरंत खुश करने के उपाय सबसे अहम् यहाँ से शुरु हो रहे हैं। रोज सुबह जल्दी उठें और नित्य कर्म कर कुछ समय के लिए भगवान का ध्यान करें। ऐसा आप को रोजाना सुबह करना है।
  • अपने जीवन में किसी भी बजह से अहंकार को जगह न दें, जितना हो सके अपने जीवन को सरल बनाये।
  • कभी भी किसी पर क्रोध न करें क्यूंकि जब भी व्यक्ति क्रोध में होता है मुख से गलत शब्द निकलते है और इससे दोष लगता है।
  • जरूरतमंद की मदद करें लेकिन सुनिश्चित कर लें आप जिसकी मदद कर रहे है उसको मदद की जरुरत है। क्यूंकि धन, अन्न, माता लक्ष्मी की कृपा से आता है और धन और अन्न को बर्बाद भी नहीं करना चाहिए।
  • शाम को हो सके मंदिर जाएँ, यहाँ फिर घर पर सिर्फ और सिर्फ 10-15 मिनट का समय निकाल कर मनन और चिंतन करें। ऐसा करने से आप को अपने आप को अपने द्वारा की गलतियों को समझने और उनको सही करने के विषय में अनुभव प्राप्त होगा।
  • चिंतन और मनन सिर्फ उन कामो पर करना जो आप ने उसी दिन सुबह से शाम तक किये है। शांति से बैठ कर बंद आखें कर ध्यान अवस्था में सोचे आप ने क्या सही किया, किसके साथ कुछ गलत तो नहीं किया। आप ने कौन से अच्छे काम किये, कौन से काम सही नहीं हुए। १० से १५ मिनट एक नोटबुक पर पॉइंट्स बना कर लिखें की अब कौन से काम नहीं दुबारा करने , किन चीजों को सुधारना हैं। आप एक माह हमारे कहने से ऐसा करके देखिये आप के जीवन में बदलाव आप को पहले दिन से दिखाई देगा।
  • सबसे अहम् बात अपने घर की महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार करिये और अगर आप बहार जाते हैं तो भी दूसरी महिला या लड़की पर गलत निगाह से न देखिये उनको भी सम्मान दीजिये। संसार को बनाने वाली सिर्फ एक स्त्री ही होती है अगर स्त्री का अस्तित्व नहीं होता तो ये संसार भी नहीं होता। ऐसा बिचार हमेशा अपने जहन में रखिये।
  • शनि को तुरंत खुश करने के उपाय में सबसे आखिरी उपाए है कभी भी किसी का दिल मत दुखाओ, शब्दों से भी किसी भी प्रकार का क्रोध न करें किसी पर भी। अपनी आत्मा को साफ़ रखिये। अगर कोई कुछ आप के साथ गलत करता है तो इसका मतलब यह नहीं आप को भी सबसे साथ गलत करना है। आप को हमेशा अच्छे कर्मो को अपनाना है जिससे आप का आने वाला समय आप के अच्छा हो।
  • एक्स्ट्रा उपाए – अपने जीवन को मेहनत करने में लगाए जिससे आप धन कमा सकते है और धन आप के जीवन को और आप के परिवार के लिए बहुत ज्यादा जरुरी है। हमेशा आगे बढे, अगर आप जॉब करते है तो ज्यादा समय अपने काम पर ध्यान दें और आगे बढ़ने की कोशिश करते रहें। अगर आप एक स्टूडेंट है तो आप के लिए सबसे ज्यादा जरुरी है आप अपनी पढाई पर ध्यान दें क्यूंकि वहीं आप के जीवन को आगे अच्छा बनाएगी।

हमने यहाँ पर जो भी जानकारी दी है कुछ ऐसे लोगों से परामर्श करने के बाद ही बताई है जिन्होंने अपने जीवन को अच्छा बनाया है। हम यह पुष्टि नहीं करते की सब बातें सही है लेकिन अगर आप जीवन में इन बातों को अपना लेते है तो जरूर आप को अच्छा जीवन और कामयाबी मिल सकती है। मेहनत आप को ही करनी पड़ेगी हम सिर्फ आप को जानकारी देने के लिए तत्पर है। शनि को तुरंत खुश करने के उपाय कर लेने से हो सकता है आप सिर्फ शनि देव को ही खुश कर पाएं लेकिन यहाँ पर जो उपाए बताये है बो आप एक श्रेष्ट जीवन दे सकते है और शनि देव भी आप से हमेशा खुश रहेगें।

दोस्तों हम आशा करते हैं आप को आज की जानकारी पसंद आयी होगी और हम gkidea के माध्यम से भी कहना चाहते है यहाँ पर जो जानकारी इस पोस्ट में हमने दी है वह मान्यताओं के आधार पर है। हम पूरी जानकारी की सही होने की पुष्टि नहीं करते है। आप को अधिक जानकारी के लिए किसी जानकार की सलाह लेनी चाहिए। हम किसी भी तरह से धर्म को नुकसान या ठेश नहीं पहुंचना चाहते है। हम सिर्फ अच्छी और सही जानकारी लिखने को कोशिश के लिए ततपर हैं।

शनिवार को सूर्य भगवान को जल देना चाहिए या नहीं?

आप शनिवार के दिन सूर्य भगवान को जल दे सकते है। बहुत सारे लोगों का ये सवाल होता है की शनिवार को सूर्य भगवान को जल देना चाहिए या नहीं? इसका जबाब है हाँ आप सूर्य भगवान को जल दे सकते है। सूर्य भगवान आप को रोजाना सुबह दर्शन देते है तो आप भी उनको जल दे सकते हैं। सूर्य भगवान को जल देने से बहुत लाभ मिलता है।

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