छोटे बच्चों के लिए कहानियाँ Short Stories in Hindi with Moral for Kids | Moral Stories in Hindi

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Short Stories in Hindi with Moral for Kids

Short story in hindi में अगर आप भी ढूंढ रहें है तो आप आज सही जगह पर हैं। आज इस पोस्ट में हम आप के साथ short story in hindi सांझा कर रहे हैं जो आप को बहुत पसंद आने वाली हैं। यहाँ पर हम कई सारी शार्ट स्टोरीज हिंदी में आप के साथ शेयर रहे हैं। हम सभी जानते हैं जैसे ही स्टोरी का नाम आता हैं सबसे ज्यादा खुश बच्चे हो जाते हैं क्यूंकि कहानियाँ सभी ज्यादा छोटे बच्चों को पसंद आती हैं। अलग अलग कहानी के माध्यम से हम अपने बच्चों को नई नई जानकारी देते हैं। बच्चे भी कहानी के माध्यम से चीजों को जल्दी समझते हैं और इससे बच्चों के दिमाग की ग्रोथ भी अच्छी होती हैं।

हर कहानी में कुछ रोचक पहलू होते है जो सुनते ही दिमाग में एक नयी दुनिया दिखना शुरु हो जाती हैं। छोटे बच्चें ख्यालों में कहानी को सोच कर चीजों को समझते हैं सीखते हैं। आज इस पोस्ट में माध्यम से बहुत ही अच्छी और नयी कहानियों का एक जस्ता हम आप सभी के साथ शेयर कर रहे हैं। और हम आशा करते हैं आप सभी को short story in hindi की ये हमारी पोस्ट जरूर पसंद पाएगी।

हम सभी ने कभी न कभी कहानियाँ जरूर सुनी होती हैं और हम भी अपने छोटे बच्चों को अच्छी अच्छी कहानियाँ सुनाते ही हैं। पुराने समय में नाना नानी, दादा दादी छोटे बच्चों को कहानियाँ सुनाया करते थे। आज कल इंटरनेट का जमाना है बच्चों के लिए एक से अच्छी कहानी इंटरनेट पर है। यूट्यूब पर बहुत ही अच्छी एनीमेशन स्टोरीज आप को देखने के लिए मिल जायेगी। लेकिन कभी कभी स्टोरी बहुत बड़ी होती है और ऐसे में छोटे बच्चें मोबाइल को घंटों तक देखते रहते हैं। ऐसे में उनकी आँखों पर बुरा असर पड़ता हैं। इसलिए हम आप को यहाँ पर बहुत सारी छोटी छोटी कहानियाँ दे रहे हैं (short moral stories in hindi) जो आप को और छोटे बच्चों को बहुत पसंद आएगी।

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Short Stories in Hindi for Kids (2022)

1 – शेर और चूहे की कहानी: Short Hindi Story with Moral

एक समय की बात हैं एक जंगल में एक चूहा रहता था और एक शेर भी रहता था। एक दिन एक पेड़ के नीचे शेर बहुत ही आराम से सो रहा था। बहुत मस्त हवा चल रही थी इसलिए शेर भी गहरी नींद में सो रहा था। इतने में चूहा भी घूमते घामते शेर के पास पहुँच गया।

चूहे ने शेर को सोते हुए देखा और चूहे को शरारत करने की इच्छा होने लगी। चूहे ने शेर के ऊपर कूदना शुरू कर दिया। उसके कान को खींचना शुरु कर दिया। कुछ देर के बाद शेर की नींद खुल गयी और शेर अचानक उठ गया। शेर को बहुत गुस्सा आया। शेर ने शैतान चूहें को अपने पंजों से पकड़ लिया।

अब चूहा बहुत डर गया था इतने में चूहा रोने लगा और शेर से माफ़ी मांगने लगा। चूहा शेर से कहने लगा की मुझे जाने दो अगर आगे कभी तुम मुसीबत में पढ़ोंगे तो में तुम्हारी मदद करूँगा।

शेर को चूहे पर थोड़ी सी दया आ गयी और शेर ने चूहें को छोड़ दिया। एक दिन एक शिकारी उसी जंगल में जाल को बिछा कर कर दूर छुप गया। अचानक शेर उसी रस्ते से निकल का जाने लगा तभी अचानक शेर का पैर जाल में फस गया। अब शेर जोर जोर दहाड़ मारने लगा इतने में उसी रास्ते से चूहा जा रहा था अचानक उसको शेर की जोर जोर से चिल्लाने की आवाज सुनाई देने लगी। चूहा उसी समय शेर के पास पहुंच गया। जैसे ही चूहा शेर के पास पंहुचा और चूहें ने देखा शेर का पैर जाल में फसा हुआ है, तभी चूहें ने अपने तेज दाँतों से जाल को कुतर दिया और शेर को आजाद कर दिया। उसी दिन से शेर और चूहा बहुत ही अच्छे मित्र बन गए।

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती हैं की हमें दूसरों के साथ उदार भाव रखना चाहियें और मदद करनी चाहियें।

2 – लालची लोमड़ी की कहानी Short Hindi Story with Moral

क समय की बात है एक घना जंगल हुआ करता था उस जंगल में बहुत से जानबर और पक्षी रहते थे। उस जंगल में एक लोमड़ी रहती थी। लोमड़ी बहुत ही लालची स्वाभाव की थी। एक दिन लोमड़ी एक पेड़ के नीचे बहुत ही आराम से सो रही थी और जैसे ही लोमड़ी की नींद पूरी हुई लोमड़ी नींद से जाग गयी। कुछ देर बाद लोमड़ी को बहुत जोर की भूक लगने लगी। लोमड़ी ने सोचा की कुछ शिकार किया जाए और पेट पूजा की जाए।

लोमड़ी शिकार पर निकल गयी। लोमड़ी को सबसे पहले एक छोटा खरगोश मिला लोमड़ी ने देखा ये खरगोश तो बहुत ज्यादा छोटा है इससे तो उसका पेट नहीं भरेगा इसलिए लोमड़ी ने खरगोश को छोड़ दिया। अब लोमड़ी की बहुत ज्यादा जोर से भूक लग रही थी। तभी अचानक लोमड़ी को एक हिरन मिला लेकिन हिरन बहुत तेज भागता है इसलिए लोमड़ी ने हिरन का शिकार करने की बहुत कोशिश की लेकिन हिरन लोमड़ी के हाथ नहीं आया।

लोमड़ी भागते – भागते थक गयी। अब लोमड़ी की भूक बहुत ज्यादा तेज हो गयी थी। फिर लोमड़ी के दिमाग में एक और ख्याल आया क्यों न खरगोश को ही खा लिया जाए। लोमड़ी उसी जगह पर बापस आयी जिस जगह पर खरगोश को छोड़ा था लेकिन वहां पर कोई नहीं था खरगोश भी वहाँ से भाग गया था। अब लोमड़ी को कुछ भी खाने को नहीं मिला।

छोटे बच्चों इस कहानी से आप को क्या सीख मिलती है। जरा बताओ –

कभी भी ज्यादा लालच नहीं करना चाहियें , कभी कभी लालच करने से कम थोड़ी चीज भी हाथ से चली जाती है।

3 – तीर वाले पेड़ की कहानी Short story in hindi

एक समय की बात है एक गाँव में दो भाई रहते हैं। दोनों भाई बहुत मेहनती थे लेकिन बड़ा भाई अपने छोटे भाई को बहुत ज्यादा परेशान करता था। उसके पैसे ले लेता था और कभी कभी उसकी पिटाई भी कर देता था और कभी कभी उसके नए कपडे ले कर उसको पुराने कपडे दे देता।

एक दिन की बात हैं बड़े भाई ने सोचा की जंगल में जा कर लकड़ियाँ तोड़ कर लाएगा और उनको बाजार में बेच देगा। बड़ा भाई जंगल में जाता हैं और लकड़ी काटने लगता हैं तभी लकड़ी काटते हुए एक पेड़ ऐसा आता हैं जिसको जब काटने के लिए बड़ा भाई आगे बढ़ता है तभी पेड़ से आवाज आती है मुझे मत काटों में तुम्हे सोने के फल दे सकता हूँ। बड़े भाई को ऐसा सुनते ही उसके मन में लालच आ गया और पेड़ से बोलना लगा मुझे बहुत सारे सोने के फल दो बरना में तुम्हे जड़ से काट दूंगा।

ऐसा सुनते ही पेड़ को गुस्सा आ गया और बहुत सारे छोटे छोटे नुकीले तीर की बौछार उसके ऊपर कर दी बड़ा भाई बुरी तरह से घायल हो गया था और इसकी बजह से बह जमीन पर गिर गया। फिर जोर से रोने लगा।

कुछ देर में छोटा भाई भी जंगल में आ पहुंचा और बड़े भाई को घायल रोते हुए देख छोटे भाई के मन में दया आ गयी उसने अपने भाई के शरीर से सभी तीर निकाल दिए और बड़ा भाई ये सब देख कर बहुत शर्मिंदा हुआ और मन ही मन अपने द्वारा किये गए गलत व्यवहार के लिए शर्मिंदा होने लगा। बड़े भाई ने छोटे भाई से माफ़ी मांगी और अपने आप को अच्छा बनाने की बात कहने लगा।

4 – लकड़हारा की ईमानदारी कहानी : Moral Stories in Hindi in Short –

एक समय की बात है एक गाँव में एक गरीब लकड़हारा और उसकी पत्नी रहते थे। लकड़हारा अपना जीवन जैसे तैसे चला रहा था। करीबी बहुत होने की बजह से कभी कभी उसको और उसकी पत्नी को भूखा ही सोना पड़ता था। एक समय की बात है लकड़हारा लकड़ी काटने के लिए जंगल में जाता है सोचता है थोड़ी ज्यादा अच्छी लकड़ी ढूंढ कर काटूंगा और फिर बाजार में बेचूंगा तो शायद ज्यादा पैसे मिल जायेगे। लकड़हारा अच्छे पेड़ की लकड़ी की तलाश में दूर घने जंगल में चला जाता है।

लकड़हारा अपने घर से काफी दूर आ चुका था। लकड़हारा बहुत थक चुका था इसलिए उसने सोचा की वह थोड़ा आराम कर लेता है उसने जगल में एक तालाब देखा तो उसने सोचा तालाब के किनारे ही आराम कर लूंगा लेकिन जैसे ही लकड़हारा के किनारे गया उसने बहुत ही अच्छे बड़े मोठे पेड़ देखे। लकड़हारा सोचने लगा की चलो पहले थोड़ी लकड़ी काट लेता हूँ फिर आराम करूँगा।

लकड़हारा एक पेड़ पर चढ़ जाता है और जैसे ही पेड़ की एक टहनी काटने के लिए लकड़हारा अपनी कुलहाड़ी चलाता है कुलहाड़ी उसके हाथ से फिसल कर तलाव में गिर जाती है। अब लकड़हारा बहुत परेशान हो जाता है। और पेड़ से नीचे उतर कर तालाब के किनारे बैठ कर रोने लगता है। लकड़हारा रोते हुए बोलता है – “अब मेरा क्या होगा में अपने परिवार को क्या खिलाऊंगा आज ” तभी अचानक एक जलपरी तालाब से बाहर आती है और बो लकड़हारा से पूछती है की क्या हुआ क्यों रो रहे हों।

लकड़हारा उसको देख चौक जाता है लेकिन फिर बोलता है मेरी कुलहाड़ी इस तालाब में गिर गयी है और अब में लकड़ी नहीं काट सकता। बिना लकड़ी को बेच कर मुझे पैसे भी नहीं मिलेंगे। तभी जलपरी बोलती है में तुम्हारी कुल्हाड़ी पानी के अंदर से ढूंढ कर ले कर आती हूँ। तभी जलपरी पानी के अंदर चली गयी और कुछ देर बाद वापस आयी। जलपरी के हाथ में एक सोने की कुलहाड़ी थी।

जलपरी ने लकड़हारे से पूछा की क्या ये तुम्हारी कुलहाड़ी है। लकड़हारा रोते हुए बोला नहीं ये मेरी नहीं है। जलपरी फिर एक बार पानी के अंदर जाती है और इस बार एक कुल्हाड़ी फिर से ले कर आती है। जलपरी को इस बार चाँदी की कुल्हाड़ी मिलती है और जलपरी फिर से लकड़हारे से पूछती है क्या ये तुम्हारी कुल्हाड़ी है ? लकड़हारा कुलहाड़ी देख कर कहता है नहीं ये मेरी कुलहाड़ी नहीं है। जलपरी फिर से एक बार पानी के अंदर जाती है और इस लोहे की कुलहाड़ी ले कर बाहर आती है।

इस बार लकड़हारे से फिर से जलपरी पूछती है क्या ये तुम्हारी कुलहाड़ी है इस बार लकड़हारा कुल्हाड़ी देख खुश हो जाता है और कहता है हाँ यह ही मेरी कुल्हाड़ी है। जलपरी लकड़हारे की ईमानदारी देख कर बहुत ज्यादा खुश होती है और उसको सोने और चाँदी की भी कुल्हाड़ी दे देती है। लकड़हारा खुश हो जाता है और लकड़ी काटने के बाद घर को बापस चला जाता है।

इस कहानी से आप सभी क्या शिक्षा मिलती है –

हमें हमेसा सच का साथ देना चाहिए और लालच नहीं करना चाहियें।

5 – हाथी और उसके नए दोस्त

एक बार एक हाथी एक नए जंगल में रहने के लिए गया। वहाँ पर बह अकेला रहता था। बहुत दिन हो गए अकेले रहते रहते लेकिन कोई भी दोस्त नहीं बन पाया। अब हाथी बहुत ज्यादा परेशान था। उसने एक बार फिर से कोशिश शुरु की नए दोस्त बनाने की। हाथी ने सबसे पहले खरगोश से पूछा की क्या तुम मेरे से दोस्ती करोगे? खरगोश ने कहा नहीं मेरा बिल बहुत छोटा है उसमें तुम फिट नहीं हो पाओगे इसलिए में तुमसे दोस्ती नहीं कर सकता। फिर हाथी बंदर के पास गया और उससे पूछा क्या तुम मेरे से दोस्ती करोग? बन्दर ने जबाब दिया की तुम मेरी तरह इधर उधर छलांग नहीं मार सकते हों इसलिए में तुमसे दोस्ती नहीं कर सकता हूँ।

हाथी फिर मेढक के पास गया। मेढक से भी बही सवाल किया और मेढक ने जबाब दिया की तुम मेरी तह कूद नहीं सकते हो और न ही मेरी तरह टर्र टर्र की आवाज कर सकते हो इसलिए में तुम्हारे साथ दोस्ती नहीं करूँगा। तभी अचानक जंगल में सभी जानवर इधर उधर भागने लगे। एक भालू को रोक कर हाथी ने पूछा क्या हुआ भाई जंगल में ये कैसी अफरातफरी मची हुयी है। भालू बोला शेर आ गया है हम सब का शिकार करने।

हाथी दौड़ कर शेर के पास गया और उससे सभी जो जाने देने के लिए बोलने लगा। शेर ने हाथी को धमकाने की कोशिश की अगर हाथी बीच में आया तो बो उसका भी शिकार करेगा। तभी हाथी को गुस्सा आ गया। हाथी ने अपनी सूड़ से शेर को उठा कर जमीन पर पटक दिया और एक लात भी जोर से शेर के मारी शेर घबरा गया और बहां से दुम दबा कर भाग निकला। जंगल के जानवर ये देख रहे थे। जैसे ही शेर भाग गया सभी जानवर बाहर आये और हाथी से सभी ने दोस्ती कर ली। अब पूरा जंगल हाथी का दोस्त बन गया।

दोस्तों इस पोस्ट में हमने आप के साथ Short Stories in Hindi with Moral for Kids आप के साथ शेयर की हैं। हम आप की जानकारी के लिए बता दें की समय समय पर हम इस पोस्ट को अपडेट करते रहेंगे और इसी पोस्ट में नयी नयी short story in hindi जोड़ते रहेंगे। आप को नयी नयी कहानी अपने बच्चों के लिए चाहिए तो आप हमारे ब्लॉग के नोटिफिकेशन को allow (yes) जरूर कर दें जिससे जब भी हम इस पोस्ट को अपडेट करें नयी short story in hindi के साथ आप को पोस्ट का नोटिफिकेशन मिल जाए। आप को हमारी ये पोस्ट, ये जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें।