भ्रष्टाचार पर निबंध | Essay On Corruption In Hindi

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Essay On Corruption
Essay On Corruption

भ्रष्टाचार एक ऐसा शब्द हैं जिससे आज की दुनिया में कोई भी अछूता हो। लगभग हर व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। आज हम भ्रष्टाचार पर निबंध ले कर आये हैं और ये long essay on corruption है भ्रष्टाचार पर। अलग अलग पहुलओं से भ्रष्टाचार की परिकल्पना हम इस निबंध में करने वाले हैं। भ्रष्टाचार एक बहुत बड़ी समस्या समाज की हैं और सिर्फ कोई एक तबका या व्यक्ति विशेष इसकी नीव नहीं हो सकता हैं। ये भ्रष्टाचार एक दूसरे से जुड़ा हुआ है और chain रूप में समाज की हर एक गली में फैला हुआ है। पूरा दुनिया में सबसे कम भ्रष्टाचार डेनमार्क में हैं ऐसा सरकारी रिपोर्ट कहती हैं या आप कह सकते हो एक ऐसी संस्था जो भ्रष्टाचार का मापन करती हैं उसके द्वारा बताया गया ये आंकड़ा हैं। जिस तरह सबसे कम भ्रष्टाचार डेनमार्क में है बैसे ही सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार साइवेरिया में।

भ्रष्टाचार को बारीकी से समझ लीजिये अगर आप किसी से एक रूपये का लेनदेन करते जो लिखित या प्रमाणित नहीं हैं बो भी भ्रष्टाचार के अंतर्गत आता हैं। मान लीजिये कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति से किसी काम को करने के १०० रूपये लेता हैं लेकिन वह व्यक्ति एक सरकारी व्यक्ति हैं जिसको सरकार भी एक सैलरी देती हैं ऐसे में आप से १०० रूपये मांगना उस व्यक्ति का भ्रष्टाचार कहलायेगा। अवैध तरीकों से कमाया गया धन भ्रष्टाचार कहलाता हैं अगर एक दूध वाला दूध में पानी मिलता हैं बो भी एक भ्रष्टाचार हैं। अगर कोई दूकान दार खाने पीने वाली चीजों में मिलाबट करता हैं बो भी एक भ्रष्टाचार ही हैं।

हमारा समाज सिर्फ और सिर्फ सरकार को ही भ्रष्टाचार में लिप्त समझता हैं या आप ऐसा बोल सकते हो की हर गलत काम के लिए सरकार को भ्रष्टाचार की बजह बताता हैं लेकिन ये तथ्ये बिकुल भी सही नहीं पूरी तरह निराधार हैं। हम ऐसे समाज की कड़ी निंदा करते हैं जो सिर्फ और सिर्फ सरकार को भी भ्रष्टाचार का भागी समझता हैं। ऐसा समाज ही हमारे देश की तरक्की में रोड़ा हैं। उस व्यक्ति का क्या जो किसी की जमीन पर कब्ज़ा करता हैं, या फिर उस माफिया का क्या जो अवैध खनन करता हैं या उस ऑफिस के चपरासी का क्या जो आप के काम करने के लिए आप से १०० से ५०० रुपये की डिमांड करता हैं और आप का काम जल्दी से कराने की बात करता हैं। ये सभी भ्रष्टाचार ही तो हैं।

corruption essay in hindi
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भ्रष्टाचार क्या है (what is Corruption)

भ्रष्टाचार एक ऐसी आदत हैं जिसमें व्यक्ति सिर्फ अपने हित के बारे में सोच कर देश की सम्पति को नुक्सान पहुँचता हैं और देश की तरक्की में बाधक बनता हैं। जिस व्यक्ति के व्यक्तित्व में दोष होता हैं बही व्यक्ति भ्रष्टाचार की नीव रखता हैं और समाज को दूषित करता है।

भ्रष्टाचार के कारण क्या है (Essay On Corruption)

भ्रष्टाचार के कारण के बहुत से कारण हो सकते हैं लेकिन हर व्यक्ति जो भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं उसके अंदर डर का न होना ही उसको भ्रष्टाचार की तरह बढ़ाता हैं। कोई भी व्यक्ति अगर डरता नहीं है या उसको पता हैं उसका कुछ भी नहीं होगा ऐसे में भ्रष्टाचार को रोक पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हैं। भ्रष्टाचार के कुछ कारण है।

  • कानून का लचीलापन – कानून का लचीलापन ही सबसे अहम् रोल निभा रहा हैं इस भ्रष्टाचार को बढ़ाने में। कानून का डर अगर व्यक्ति विशेष में नहीं हैं तो बो भ्रष्टाचार करने से नहीं डरेगा और बो आगे भ्रष्टाचार फैलेगा। बहुत सारे ऐसे बड़े लोग हैं जो पैसे देकर तुरंत रिहा हो जाते हैं और इसी बजह से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता हैं।
  • व्यक्ति का लालची स्वभाव – समाज में लालच इतना ज्यादा बढ़ गया हैं जिसके कारन भी भ्रष्टाचार की जड़ें समाज में फ़ैल रही है। व्यक्ति का लोभी स्वभाव उसको भ्रष्टाचार करने के लिए मजबूर करता हैं। लोभी व्यक्ति हमेशा ज्यादा से ज्यादा धन अर्जन करने के बारे में सोचता हैं और गलत रास्तों का चयन करता हैं और ये भी एक भ्रष्टाचार बढ़ने का एक बहुत बड़ा कारण है।
  • भ्रष्टाचार एक आदत – भ्रष्टाचार एक आदत बन गयी हैं आज कल भ्रष्टाचार करने वालों की। आप ने देखा होगा कोई व्यक्ति जो आर्मी ऑफिसर होता है बो आर्मी में रहने के दौरान अनुशासन सीखता हैं और रिटायर होने के वाद भी बाह आर्मी ऑफिसर अपना जीवन अनुशासन से ही जीता हैं ऐसा सिर्फ आदत लगने से ही हुआ हैं। और भ्रष्टाचार के मामले में भी लोगो को लत लग जाती है भ्रष्टाचार की। एक ऐसा काम जिसमें उस व्यक्ति का निजी फायदा होता हैं और इस निजी फायदे को लेने के लिए ही बह व्यक्ति बार बार भ्रष्टाचार की नीतियों पर चलता हैं और फिर उसकी आदत में आ जाता हैं।

भ्रष्टाचार एक ऐसी बीमारी है जो पूरे देश को धीरे धीरे अंदर से खोखला करती जा रही हैं। दीमक जैसा ही ये भ्रष्टाचार जो हमारे देश को धीरे धीरे ख़त्म करने की तरफ प्रवल रुप से अग्रशर हैं।

किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व उस व्यक्ति की सोचने और समझने की छमता पर व्राम लगा लेता हैं और सिर्फ और सिर्फ एक ऐसा काम जो ईमानदारी न करके बेईमानी की तरह अग्रशर सोचता हैं वह व्यक्ति भ्रष्टाचार से लिप्त ही समझा जाएगा।

अगर अपना काम ईमानदारी से न किया जाए बो भी एक भ्रष्टाचार ही है। आप हमेशा समाज में सुन सकते हैं बड़े या छोटे घोटालों के बारे में ये सब भ्रष्टाचार ही तो हैं। यहाँ पर सिर्फ वह व्यक्ति ही भ्रष्टाचार से अछूता हैं जिसको अभी तक भ्रष्टाचार करने का मौका न मिला हो।

bhrashtachar par nibandh
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भ्रष्टाचार के निम्न प्रकार

  • रिश्वत का लेन देन – जब भी आप अपना काम करने के लिए किसी भी सरकरी ऑफिस में अपना काम कराने के लिए जाते हैं तब वहां पर आप की मुलाकात कई लोगो से होती हैं चपराशी से लेकर आप कई बड़े अधिकारीयों के मिलते हो। ऐसे में अगर आप का काम नहीं होता हैं तो आप उस काम को कराने के लिए चपरासी से बात करते हैं और बहा से ही शुरु होता हैं भ्रष्टाचार का पहलू। जब भी आप ऐसा काम करने के लिए पैसों का लेन देन करते है जिस काम को करने के लिए सरकार उस हर सरकारी व्यक्ति को सैलरी दे रही हैं और उसी काम को करने के लिए आप से पैसों का लें दें करना भ्रष्टाचार के अंतर्गत आता हैं। ऐसा भ्रष्टाचार देश की सरकारों और देश की तरक्की में बहुत बड़ा रोड़ा है। अगर कानून का डर हर व्यक्ति के अंदर हो तो इन जैसे भ्रष्टाचार करने वालों पर रोक लगायी जा सकती है।
  • चुनाव में धांधली – आप ने देखा होगा या फिर सुना ही होगा चुनाव के समय जो नेता होते हैं बो कही लोगो को पैसे बाटतें, या फिर किसी तरह का उपहार भेंट देते हैं मदिरा सेवन करवाते हैं ऐसे बहुत से काम है जो आप ने जरुर सुने होंगे या फिर हो सकता हैं देखें भी हों। ऐसा करना किसी नेता के द्वारा, ये भी एक भ्रष्टाचार कहलाता हैं।
  • भाई भतीजाबाद समर्थन – भाई भतीजा बाद भी एक तरह का बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है। आप ने देखा होगा जो नेता power में होते हैं बो अपने रिश्तेदारों को ऐसा काम करने के लिए नुयक्त कर देते हैं जिसमें बे सछम होते ही नहीं। ऐसे में वह व्यक्ति अपने काम से बंचित रह जाता हैं जो असल में उस काम के लिए होना चाहियें या बो व्यक्ति जो उस काम ले लिए योग्य था।
  • नागरिकों दूर tax चोरी – हमारे देश में एक बहुत बड़ा समाज का हिस्सा टैक्स नहीं भरता हैं या फिर आप समझ सकते हो उनका कोई लेखा जोखा ही नहीं हैं। ऐसे में ये एक टैक्स चोरी हैं और टैक्स चोरी एक गंभीर भ्रष्टाचार है। जो लोग टैक्स नहीं भरते बो सीधे सीधे इस देश की तरक्की में बाधक हैं। ऐसे लोगो को कड़े दंड का प्रावधान होना चाहियें ताकि लोगो के मन में एक भये हो और ज्यादा से ज्यादा लोग अपना टैक्स भरें।
  • खेल और शिक्षा घूसखोरी – शिक्षा और खेलकूद में भी रिश्बत का बोल बाला है बहुत बार ऐसा हुआ है ऐसे बच्चों का सिलेक्शन रुक जाता हैं जो सच में काबिल हैं और देश के लिए अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन रिस्बतखोरी इतनी ज्यादा हैं की ऐसे बच्चे बहुत ही कम आगे बढ़ पाते हैं।

ये कुछ बिशेष प्रकार थे जो हमने बताये इसके अलावा भी बहुत सारे भ्रष्टाचार के रुप समाज में मौजूद हैं जो देश को आर्थिक तौर पर कमजोर कर रहे हैं जैसे अवैध खनन, मकान या प्लाट पर कब्ज़ा करना, सरकारी जमीन को बेचना, प्राइवेट स्कूलों में बहुत ज्यादा फीस लेना भ्रष्टाचार श्रेणी में आता हैं।

भ्रष्टाचार के परिणाम

भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या हैं जिससे होने वाले नुकशान का अंदाजा लगाना भी बहुत डरावना हैं पुरे देश को कमजोर और आर्थिक तौर पर लचीला बना सकता हैं ये भ्रष्टाचार। देश की बैंको से लोन लेकर लोन का भुगतान न करने वाले लोग उस बैंक की कमर तोड़ देते हैं और जब बैंक कंगाल होता हैं तो बो सभी लोग उस व्यक्ति के भ्रष्टाचार का शिकार होते हैं। भ्रष्टाचार के रहते ही बेचारा गरीब और गरीब होता जा रहा हैं अमीर और अमीर होता जा रहा है। देश के अंदर घूसखोरी, अशिक्षा, बेरोजगारी, लूटपाट, अपराध में बहुत ज्यादा बढ़ोत्तरी होती जाती हैं। सभी देश मिलकर उस भ्रष्टाचार देश के ऊपर सवाल उठाने लगते हैं और ऐसे ही देश के सम्मान और आर्थिक आधार को हानि होती होती है।

भ्रष्टाचार के उपाय

  • भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सख्त कानून – देश का लचीला कानून ही देश में रह रहे लोगो को सही तरीके से रहने की आजादी देता हैं लेकिन इसी लचीले कानून की बजह से लोग बिना डर के crime, घूसखोरी, भू-घोटाले करते है लोगो के घरों पर और जमीनों पर कब्ज़ा करते हैं। अगर इस लचीले कानून को थोड़ा सख्त कर दिया जाए तो लोगो में कानून और नियमो का डर होगा और लोग भ्रष्टाचार करने से डरेंगे। ये जरुरी ये देश की तरक्की के लिए और देश की अर्थव्यवस्था को बनाये रखने के लिए।
  • क़ानूनी प्रक्रिया में कम समय में फैसले होना – हमारे देश में अगर कोई व्यक्ति भ्रष्टाचार करता हैं और पकड़ा जाता हैं तो बहुत समय लगता हैं उस व्यक्ति के ऊपर समय रहते कड़ी कारवाही के होने में। अगर व्यक्ति पैसे वाला हैं तो जमानत भी हो जाती हैं और उस भ्रष्टाचार करने वाले व्यक्ति का case बहुत सालों तक चलता रहता हैं और बहुत बार ऐसा देखा गया हैं की भ्रष्टाचार व्यक्ति अपनी मौत मर भी जाता हैं लेकिन उसके भ्रष्टाचार करने वाले case का समाधान उसके जीते जी नहीं हो पाता हैं जिससे उसको उसके भ्रष्टाचार करने का सबक मिल जाता। अगर क़ानूनी कारवाही में कुछ ऐसी चीजों को जोड़ दिया जाए जैसे अगर कोई भी व्यक्ति भ्रष्टाचार करते या उसमें संघ्लिप्त पाया जाता हैं तो उसको १५ दिन या ज्यादा से ज्यादा ३० दिनों के अंदर उसके बारे में जांच करके उसको सजा देनी चाहियें।
  • लोकपाल बिल या लोकपाल कानून की जरुरत – हमारे समाज में कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगायी हैं उनमें से एक नाम है अन्ना हजारे का। आप सभी को याद होगा दिल्ली का रामलीला मैदान जिसमें श्री अन्ना हजारे जी ने आमरण अनसन किया था जिसमें पूरे देश को हिला कर रख दिया था। बहुत बड़ी संख्या में लोग उसके साथ जुड़े, जिनमें से कुछ खास नाम थे अरविन्द केजरीवाल, कुमार विश्वाश, और भी कई लोग थे जिन्होंने इस महा अलंकार में श्री अन्ना हजारे जी का साथ दिया। लोकपाल बिल को ले कर आना इस देश की जरुरत हैं और इस बिल से भी भ्रष्टाचार करने वालों पर लगाम लगेगी।

भ्रष्टाचार का इतिहास

भ्रष्टाचार का इतिहास ऐसा नहीं की इसको किसी किताब में आप पढ़ सको। भ्रष्टाचार हर युग में था लेकिन हर युग में भ्रष्टाचार को पनपने से रोकने के लिए बहुत सख्त कानून थे। जब हमारी बिरासतें राजाओ के हाथों में तब किसी भी चोरी करने वाले, या घूसखोर व्यक्ति को सिर्फ मृत्यु दंड दे दिया जाता था ऐसे में लोगो की हिम्मत नहीं थी और कोई भी ऐसी हिमाकत करने की सोचता भी नहीं था। चोरी या किसी स्त्री को अपमानित करने पर ऐसी सजाये होती थी जिनको सुनकर ही लोगो की रूह काँप जाती थी ऐसे में भ्रष्टाचार करना बहुत दूर की बात है।

ब्रिटिश काल में भी हमारे देश में सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार ब्रिटिश शासक की करते थे अगर कोई आम आदमी कुछ करता था तो उसको सजा दी जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं हैं सारे शासक जा चुके हैं और हमारा देश आजाद हैं लेकिन हमारे आजाद देश में अभी बहुत सारे अनगिनत भ्रष्टाचार करने वाले भरे हुए जो हमारे देश को उसके शिखर तक पहुंचने से रोक रहे हैं।

भ्रष्टाचार के विरुद्ध सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • डिजिटलीकरण को बढ़ावा – आप सभी को पता है ही की पूरे देश में हर सरकारी दफ्तर में भ्रष्टाचार बड़े स्तर पर फैला हुआ हैं अगर आप कभी सरकारी ऑफिस में अपना कोई काम करवाने गए हैं और आप को अपना काम जल्दी करवाना हैं तो आप रिस्वत का सहारा ले कर अपना काम जल्दी का लेते होंगे या आप ने ऐसा होते देखा होगा। लेकिन अब जब से सभी सरकारी कामों को ऑनलाइन किया गया जा रहा हैं धीरे धीरे भ्रष्टाचार की तेज रफ़्तार पर ब्रेक लग रहे है। इसलिए इस डिजिटलीकरण को आप एक अच्छा कदम समझ सकते है।
  • नौकरी से निष्कासित – आप ने देखा होगा बहुत सारे लोग अपना काम करवाने के लिए सरकारी ऑफिस में जाते है और अपने मोबाइल के कैमरे से गुप्त रूप से रिश्वत लेते हुए सरकारी मुलाजिम की वीडियो बना लेते हैं और उस व्यक्ति की वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया करते थे। ऐसे में सरकार ने उन लोगो पर एक्शन लेना शुरु कर दिया और कुछ लोगो को तो अपनी नौकरी से भी हाथ धोने पढ़ गए थे। सरकार ने जगह जगह cctv camera को भी लगाया जिससे सभी लोग अपना काम ईमानदारी से करें।
  • चुनाव में सुधार – आप ने देखा होगा एक समय था जब लोग पर्ची पर बोट डालने जाते थे जिसमें बहुत ज्यादा कभी कभी हेर फेर होती थी। सरकार ने था चुनाव आयोग ने इसपर बोटिंग मशीन का इस्तेमाल कर इस फर्जीवाड़े को भी बंद किया जिससे जनता अपने मन से अपना बोट डाल सके।
  • गैरकानूनी संस्थानों तथा दुकानों पर ताला – बहुत सारे लोग NGO के नाम पर ठगी कर रहे थे लोगो से NGO के नाम पर अवैध तरीकों से पैसा लिया जा रहा था या झूट बोल झासें में फसा कर डोनेशन मांगी जा रही थी और बहुत सारी अवैध दुकाने जो खाने पीने की चीजों में मिलावट कर बेच रहे थे उनको भी बंद कराया। ऐसे कदम भ्रष्टाचार को ख़त्म करने में सहायक हैं।
  • भ्रष्टाचार सिर्फ और सिर्फ सरकार या सरकारी ऑफिस में ही नहीं हैं ये हर व्यक्ति के अंदर अपनी जगह बना चुका है कुछ लोग जानकर भ्रष्टाचार करते है और कुछ लोग कम समझ या फिर अनजाने में भ्रष्टाचार करते हैं जैसे एक दूध वाला व्यक्ति दूध में पानी मिलाता हैं उस पानी मिले हुए दूध को मनमानी कीमत के कर आप ये बता कर बेचता हैं की ये दूध pure milk हैं ऐसा करना भी उस व्यक्ति का भ्रष्टाचार है लेकिन बो सिर्फ इसे अपनी चालाकी समझता हैं और ऐसा करता रहता है लेकिन अगर एक बार उस दूध वाले को भ्रष्टाचार का पाठ पढ़ा दिया जाए तो कभी फिर दूध में पानी नहीं मिलाएगा और कभी भी अपनी मन मानी कीमत नहीं मागेगा।

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