बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ निबंध | Beti Bachao Beti Padhao Essay

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beti bachao beti padhao in hindi essay बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध
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Beti bachao beti padhao essay उन सभी विद्यार्थी के लिए जो कक्षा 6 से 10वीं में हैं। आज हम आप को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लॉन्ग एस्से बता रहे हैं जिसको पढ़ कर आप अपनी नॉलेज तो बड़ा ही सकते है साथ ही आप इस बेटी बच्चाओ और बेटी पढ़ाओ निबंध को पढ़कर अपनी परीक्षा में भी एक अच्छा निबंध लिख सकते हैं अगर आप की परीक्षा में beti bachao beti padhao nibandh लिखने को आता है। बिना किसी देरी के निबंध को लिखना शुरु करते है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक ऐसा मन्त्र हैं जिस मन्त्र को 22 जनवरी 2015 को बनाया गया और पूरे देश में दीवारों, स्कूल की दीवारों पर इस टैग लाइन को लिखा गया। इस मन्त्र को कलाकारियों के माध्यम से समझाने की कोशिश भी शुरु किया गया। Beti Bachao Beti Padhao एक योजना है जिसका काम महिलाओं को मजबूत बनाना उनकी सुरक्षा, और समाज में महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाना ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मूल काम है।

बात तो एक समझने वाली है की ऐसा क्यों है की महिलाओं को मजबूत बनाने के लिए योजनाए बनायीं जाती हैं लड़कियों को गर्भ में न मारा जाए इसके लिए सरकार को अलग अलग तरह की योजना बना कर समाज को समझाना पड़ता है। सबसे पहले हमें इस बात को समझना चाहियें। कोई भी महिला हो बो सबसे पहले एक इंसान है और उसको मारना, पीटना, ये घोर अपराध की श्रेणी में आता है। हम सभी को एक बात समझनी चाहियें की महिलाएं अगर नहीं होंगी तो किसी का परिवार नहीं हो सकता, किसी पुरुष की शादी नहीं होगी और इस दुनिया में किसी भी चीज का अस्तित्व नहीं होगा। एक महिला ही माँ होती है, बेटी होती है, बहू होती है, और जाने कितने सारे रिश्ते होते है जो बहुत संतोषजनक होते है। हमें इन सब बातों को अपने जीवन में उतार लेना चाहियें।

महिलाओं को हमेशा एक पुरुष के बराबर समझना ही जरुरी है एक जागरूक समाज का निर्माण करने के लिए। बैसे महिलाओं को हमेशा अग्निपरीक्षा से ही क्यों गुजरना पड़ता है क्यों हमेशा अपनी लॉयल्टी को बताना पड़ता है। एक बहुत अच्छा उदाहरण है की जैसे कोई भी गाडी एक पहिये पर नहीं चल सकती बैसे ही बिना महिलाओं के ये जीवन रूपी गाडी नहीं चल सकती है।

हमारे भारत देश को हमेशा से पुरुष प्रधान देश कहा जाता है। पुरुष प्रदान देश होने की बजह से महिलाओं की आवाज हो दवाया जाता है उनको आगे बढ़ता देख कुछ पुरुष जलने लगते है लेकिन क्या ये सही बात है और ऐसी जलन मन में क्यों है आखिर ये समझना जरुरी है।

हमारे समाज में मोरल एजुकेशन की कमी है और हमारे छोटे बच्चे होते हैं उनको में हो रहा व्यवहार उनकी सोच को भी बैसा बना देता है। यहाँ व्यवहार से मतलब हैं दो लोगो के बीच भेदभाव। जैसे लड़की को स्कूल नहीं भेजना, लड़के को स्कूल भेजना, घर के प्रधान पुरुष द्वारा पत्नी के साथ मारपीट करना ये सब जब घर छोटे बच्चे देखते है तो उनके मन पर और उनकी जो घरेलु शिक्षा है बो सही नहीं होती है और बो भी महिलाओं सम्मान करना नहीं सीख पाते है।

Beti Bachao Beti Padhao अभियान क्या है

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक ऐसा अभियान है जो महिलाओं को सशक्त करने के लिए और समाज में कन्या शिशु दर जो पुरुषों के प्रति काफी कम है, उसको संतुलन में लाना ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान का काम है।

ऐसा नहीं है की सिर्फ और सिर्फ भारत देश में ही महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है बल्कि पूरी दुनिया में बहुत सारे देश और भी ऐसे है जहाँ पर महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता रहा है और ये उन सभी देशों के लिए बहुत ही शर्म की बात है। परिवार में सिर्फ लड़के की चाहत रखने वाले लोग कन्या शिशु को गर्भ में ही मार देते है और सिर्फ ऐसे ही लोग ऐसी समस्याओं का कारण है।

समाज में लड़कियों के साथ भेदभाव का एक कारण घरेलु शिक्षा भी है या फिर आप बोल सकते हैं की समाज के लोगो में शिक्षा की कमी जिसकी बजह से उनकी सोच में बदलाब नहीं हो रहे है और इसी बजह से समझ में लड़कियों और महिलाओं का शोषण होता हैं। लेकिन ऐसा भी नहीं की हम पूरे समाज को ही दोषी मान लेंगे। समाज में ऐसे बहुत सारे लोग है जो इस सभी कुरित्यों को ख़त्म और लड़कियों, महिलाओं के प्रति सम्मान रखने की शिक्षा को समाज में फैला रहे है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान का उदेश्य क्या है

हमारे समाज में जैसे बेटा होने की ख़ुशी पर लोग जश्न या उत्सव मानते है हम सभी को बेटी होने पर भी उत्सव और ख़ुशी माननी चाहियें। ऐसा नहीं है की बेटी आने से आप अपमानित होते है। हमारे देश के प्रधानमंत्री कहते हैं की अगर आप के घर बेटी हो तो आप उस बेटी जन्म की ख़ुशी में कम से कम 5 पेड़ लगाए।

Beti Bachao Beti Padhao आरम्भ हमारे देश के प्रभावशाली प्रधानमंत्री जी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत (हरियाणा) में की थी। आप सभी के मन में एक सवाल आ रहा होगा की हरियाणा में ही क्यों किया गया तो इसका जवाब है पूरे भारत देश में लिंग अनुपात में अंतर सबसे ज्यादा हरियाणा में है। हमारे प्रशानमंत्री जी जैसे Swachh Bharat Abhiyan का आवाहन किया था ठीक उसी प्रकार बहुत ही जोरों शोरों से बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ का भी आवाहन किया। हमारे भारत देश की बड़ी जनता ने भी इसका समर्थन किया और उनके साथ Beti Bachao Beti Padhao का प्रचार प्रसार किया।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को भारत देश के तीन मंत्रालयों को दिया गया और ये तीन मंत्रालय है महिला बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय, मानव संसाधन मंत्रालय।

इस योजना के अंतर्गत अगर कोई गर्भ परिक्षण की तकनीक को गलत तरीके से इस्तेमाल करता है तो अधिनियम 1994 के तहत दण्डित किया जाएगा। अगर कोई डॉक्टर भी भ्रूण लिंग की जांच करता पाया गया तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा और उसके तहत और भी कारवाही हो सकती है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना देश में कब शुरु हुई?

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ हमारे देश के प्रभावशाली प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत (हरियाणा) में की थी। हमारे भारत देश की बड़ी जनता ने भी इसका समर्थन किया और उनके साथ Beti Bachao Beti Padhao का प्रचार प्रसार किया।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा किसने दिया?

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा भारत देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी ने दिया था। उसका ये अभियान एक बहुत बड़ा अभियान है जो महिला सकती को भारत देश के अंदर सुरक्षित और सम्मान के साथ आगे बढ़ने में मदद करता है।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का उद्देश्य क्या है?

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ एक योजना है जिसका काम महिलाओं को मजबूत बनाना उनकी सुरक्षा, और समाज में महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिलाना ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मूल काम है।