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21 जनवरी से शुरू हो रहा है पवित्र माघ का महीना, जानिए नव ग्रहों और देवताओं की कृपा पाप्त करने का सबसे आसान मार्ग

हिंदू धर्म में नए साल की शुरुआत चैत्र मास से होती है और साल का 11 वां महीना माघ का महीना होता है। माघ मास की शुरुआत आमतौर पर जनवरी में हो जाती है । यह दान धर्म और पवित्र नदियों के स्नान का महीना कहलाता है। माघ मास विष्णु भगवान का महीना कहलाता है। क्योंकि माघ का महीना ठंड की चरम सीमा के दौरान आता है इसलिए यह आध्यात्म  और आयुर्वेद की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है ।

माघ माह में हर अच्छे बुरे कर्म का मिलता है 100 गुना फल

माघ महीने का महत्व हिंदू धर्म के विभिन्न पुराणों में भी मिलता है। इस माह के साथ ही हेमंत ऋतु समाप्त होती है और शिशिर ऋतु प्रारंभ होती है। आध्यात्म की दृष्टि से यह महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। साल 2024 में 21 जनवरी से माघ मास आरंभ होने वाला है । कहा जाता है की माघ के महीने में सभी देवी देवता धरती पर पवित्र नदियों में स्नान के लिए आते हैं इसीलिए इस महीने में किए गए प्रत्येक पुण्य का फल 100 गुना हो जाता है वही किये हुए गलत और वर्जित काम का दुष्प्रभाव भी 100 गुना ही भुगतना पड़ता है।

आईए जानते हैं माघ माह में विधिवत पूजा करने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय

  • माघ माह में नियमित रूप से नहाना बेहद जरूरी माना जाता है। इस माह में स्नान न करने पर दरिद्रता कभी भी आपका पीछा नहीं छोड़ती।
  • माघ के माह में दान का भी विशेष महत्व होता है कोशिश कीजिए इस माह में आप जरूरतमंद को उनकी जरूरत की वस्तुएं दान कर सके परंतु यदि आप किसी वजह से दान करने में असमर्थ है तो कोशिश  कीजिए कि इस महीने में आप किसी के बारे में बुरा न बोले और किसी का बुरा न करें।
  • माघ के महीने में विष्णु पूजा करने का विशेष महत्व होता है, इस महीने आप श्री कृष्ण  मधुराष्टकं  स्रोत का पाठ कर सकते हैं।
  • इसके अलावा आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ कर भी इस पवित्र महीने में पुण्य हासिल कर सकते हैं।
  • माघ के महीने में रोजाना तुलसी की पूजा आवश्यक रूप से करें। तुलसी में विष्णु का वास माना जाता है और यही तुलसी की पूजा आपको ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचाती है।
  • माघ के माह में प्रसाद के रूप में रोजाना तिल और गुड़ का सेवन करें।
  • इस महीने आप जरूरमंद को कंबल और चप्पल जैसी वस्तुएं भी दान कर सकते हैं जिससे आपको निश्चित ही हरि कृपा प्राप्त होती है।
  • माघ के महीने में आप नहाने के बाद रोजाना सूर्य देव को जल चढ़ाएं, इसके साथ ही यदि संभव हो तो रविवार को सूर्य देव का व्रत भी करें जिससे आपको सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होगी।
  • माघ के माह के प्रत्येक शनिवार आप पीपल पर दूध और जल भी अर्पित कर सकते हैं ।
  • इसके साथ ही आप पीपल के नीचे घी का दीपक भी जला सकते हैं जिससे आपको मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

जानिए माघ के माह में क्या वर्जित है?

यदि आप माघ के माह में दुष्परिणामों से बचना चाहते हैं तो कभी भी भूलकर यह सारी गलतियां ना करें.

  • माघ के माह में आप देर तक भूल कर भी ना सोए। ऐसे में आप अपनी बदकिस्मती को खुद ही बुलावा दे देते हैं।
  • माघ के माह में कभी भी तामसिक और गरिष्ठ भोजन का सेवन न करें ,कोशिश करें कि सात्विक भोजन का सेवन ही किया जाए।
  • माघ के माह में मांस और मदिरा के सेवन से भी बचें।
  • यह महादान पुण्य का महीना माना जाता है इसीलिए इस महीने में भगवान को रुष्ट करने का कोई भी कार्य न करें।
  • माघ के माह में भूलकर भी मूली का सेवन न करें।
  • कहा जाता है की माघ माह में देवता धरती पर पवित्र नदियों में स्नान के लिए आते हैं इसीलिए प्रत्येक सत्कर्म और दुष्कर्म का प्रभाव 100 गुना हो जाता है ऐसे में इस दौरान भूल कर भी असत्य के मार्ग से बचें तथा कोशिश करें कि आपकी वजह से किसी को कोई तकलीफ ना हो।
  • माघ के माह में यदि आपके द्वार पर कोई कुछ मांगने आता है तो आप यथाशक्ति उसे कुछ ना कुछ अवश्य दान करें ,यदि आपके पास दान देने के लिए कुछ भी नहीं है तो अपने घर के रसोई से आप एक मुट्ठी चावल का दान भी कर सकते हैं।
  • माघ के माह में विद्यादान का भी बेहद महत्व माना जाता है, इस महीने आप जरूरतमंद को पुस्तक दान कर सकते हैं और स्वयं भी पुस्तक खरीद कर पढ़ सकते हैं जिसका आपको निश्चित ही पुण्य फल प्राप्त होता है।

निष्कर्ष

इस प्रकार माघ माह हिंदू धर्म के अनुसार बेहद ही पवित्र महीना माना जाता है जिसमें यदि आप इसके महत्व जानकर नियमानुसार स्नान दान और पुण्य कर्म करते हैं तो निश्चित ही फल प्राप्त कर सकेंगे।

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