जैसा कि हम सब जानते होंगे हिंदू धर्म में हवन और पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है । किसी भी प्रकार का विशेष उत्सव हो हिंदू धर्म में हवन निश्चित रूप से किया जाता है। हमारे यहां कई प्रकार के हवन किए जाते हैं जैसे यदि नया घर लिया है तो घर गृह प्रवेश का हवन ,शादी में हवन, नवजात बच्चे के नामांकरण के दौरान हवन, ग्रह शांति का हवन ,कुछ लोग बच्चों के जन्मदिन तथा शादी की सालगिरह पर भी हवन करवाते हैं । इसके अलावा आर्य समाज में तो रोजाना हवन किया जाता है।
हिंदू धर्म में हवन कुंड के प्रकार की बात करें तो वे कई प्रकार के होते हैं और हवन कुंड की रचना भी भिन्न भिन्न होती है। कुंड को बनाने के लिए कुछ विशेष नियम का भी पालन करना पड़ता है इसके बारे में हम आज आपको अपने इस लेख में बताने वाले हैं।
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Hawan kund kaise banaye (हवन कुंड किस प्रकार बनाए) –
हवन कुंड आमतौर पर चौकोर आकार में बनाए जाते हैं, जिनकी लंबाई और चौड़ाई समान होती है । हवन कुंड बनाने के वक्त या ध्यान रखना चाहिए कि इसमें भरपूर मात्रा में संविदा और सामग्री की आहुति दी जा सके । जितनी ज्यादा संविदा और आहुति होगी अग्नि की लौ भी उतनी ज्यादा बाहर निकलती है, इसीलिए अग्नि की लौ को नियंत्रण में रखने के लिए हवन कुंड भी उतना ही बड़ा बनना जरूरी है।
हवन कुंड को बनाते समय लंबाई चौड़ाई और गहराई का ध्यान रखकर बनाना चाहिए और उसमें नीचे की और तिरछापन देना चाहिए जिससे कि संविदा की वजह से अग्नि बुझे नहीं और कुंड भी ऊपर तक सामग्री से भरता न जाए।
हवन के लाभ
पाठकों की जानकारी के लिए बता दे हवन से न केवल आध्यात्मिक फायदे मिलते हैं ,बल्कि हवन की वजह से हमारा वातावरण भी शुद्ध होता है। हवन में हम कई सारी ऐसी जड़ी बूटियां का इस्तेमाल करते हैं जिससे वातावरण में स्थित कई सारे बैक्टीरिया समाप्त हो जाते हैं । एक ओर हवन से जहां पॉजिटिव एनर्जी मिलती है वही हमारे आसपास का वातावरण भी शुद्ध होता है।
हवन कुंड के प्रकार
शास्त्रों के अनुसार हवन कुंड के कई प्रकार होते हैं। प्रत्येक हवन कुंड अलग-अलग प्रभाव और परिणाम देने वाला होता है । प्रत्येक हवन कुंड का इस्तेमाल अलग-अलग फल प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
- योनि कुंड : योनि कुंड का एक हिस्सा आधे चंद्रमा की तरह होता है वहीं दूसरा हिस्सा ट्रायंगल शेप का होता है । इस कुंड में हवन करने से संतान प्राप्ति होती है।
- अर्द्ध चंद्राकार कुंड : इस कुंड में हवन करने से आपको सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- त्रिकोण कुंड : त्रिकोण आकार के इस हवन कुंड में हवन करने से आपको भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- गोलाकार कुंड : गोल आकार के इस कुंड में हवन करने से संसार का कल्याण होता है।
- समअष्टस्त्र कुंड : इस कुंड में हवन करने से निरोगी काया की प्राप्ति होती है।
- सष्टस्त्र कुंड : इस कुंड में छह कोण होते हैं। इस कुंड में हवन करने से आपको प्रेम की प्राप्ति होती है।
- चतुष्कोण कुंड: इस कुंड में चार कोने होते हैं। इस कुंड में हवन करने से जीवन में शांति प्राप्त होती है।
- अति पदम कुंड : यह कुंड कमल के फूल की तरह होता है जिसमें हवन करने से आपको शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
हवन सामग्री कैसे बनाएं?
हवन की लकड़ी –
प्रत्येक ऋतु के लिए हवन संविधा में इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी अलग-अलग होती है ।
वसंत ऋतु में शमी की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है, ग्रीष्म में पीपल, बारिश में बिल्ब की, शरद ऋतु में आम की लकड़ी ,हेमंत में खैर की लकड़ी, शिशिर ऋतु में गुलर की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।
पण्डितजी के हवन सामग्री की पर्ची
आमतौर पर आपने देखा होगा कि हवन से पहले पंडित आपको हवन सामग्री की एक पर्ची देते हैं जिसमें विभिन्न सामान लिखे होते हैं । पण्डितजी के हवन सामग्री की पर्ची में मुख्य रूप से यह सामान होता है:
हवन के सामग्री | मात्रा |
---|---|
1. हवन की लकड़ी | 1 kg |
2. बेल | 1 |
3. नीम | कुछ पत्तियां |
4. पलाश का पौधा | 1 |
5. देवदार की जड़ | 1 |
6. गुलर की छाल | 1 small packet |
7. पीपल की छाल | 1 small packet |
8. बेर | 50 gram |
9. आम की पत्ती | 11 |
10. चंदन की लकड़ी | 2-5 |
11. जामुन की पत्ती | 5 |
12. अश्वगंधा | 1 small packet |
13. कपूर | 50 gram |
14. लोंग | 10 gram |
15. चावल | 250 gram |
16. ब्राम्ही | 2-3 |
17. मुलेठी की जड़ | 1-2 |
18. गूगल | 1 small packet |
19. लोबान | 1 small packet |
20. इलायची | 5 gram |
21. दालचीनी | 1 small packet |
22. जौ | 1 small packet |
23. तिल | 1 small packet |
24. बहेड़ा | 1-2 |
25. हरड़ | 5 |
26. गाय के गोबर के उपले | 5 |
27. गोमूत्र | 1 small bottle |
28. वनस्पतियों का चुरा | 1 small packet |
29. अगर | 1 small packet |
30. तगर | 1 small packet |
31. केसर | 11 leafs |
32. बड़ी इलायची | 5 |
33. किशमिश | 50 gram |
34. जावित्री | 10 gram |
35. शतावरी | 10 gram |
36. कमल गट्टा | 5 |
37. रुद्रवंती | 5 |
38. देवघर | 5 |
39. खरबूज गिरी | 50 gram |
40. जायफल | 5 |
41. चिरौंजी | 50 gram |
42. मखाना | 50 gram |
43. काले तिल | 10 gram |
44. चिरायता | 10 gram |
45. सफेद चंदन | 1 |
46. गुड | 50 gram |
47. गरीगोला | 1 |
48. सूखे गुलाब की पत्तियां | 8 se 10 phool |
49. चौरा | – |
50. शीशम | – |
51. नीलकमल | – |
52. तेज पत्ता |
निष्कर्ष
इस प्रकार यदि आप भी अपने घर में सुख शांति और समृद्धि के लिए हवन करवाना चाहते हैं तो हवन कुंड के प्रकार और और ऋतु के अनुसार हवन कुंड की सामग्री का इस्तेमाल कर हवन करवा सकते हैं।
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