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Banana Tree Upaay:केले के पेड़ की पूजा के दौरान की हुई एक छोटी सी गलती आपको बना देगी जिंदगी भर के लिए कंगाल

Banana Tree Upaay:केले के पेड़ की पूजा के दौरान की हुई एक छोटी सी गलती आपको बना देगी जिंदगी भर के लिए कंगाल

सनातन धर्म में पेड़ों पौधों का बहुत महत्व होता है । सनातन धर्म में पेड़ की पूजा से लाभकारी फल प्राप्त होते हैं । परंतु गलत तरीके से की गई पूजा आपको रातों-रात कंगाल भी बन सकती है। जी हां कुछ पेड़ पौधों की पूजा के नियम तय होते हैं उन नियमों को मानते हुए इन पेड़ पौधों की पूजा करनी चाहिए अन्यथा आप ग्रहों के दुष्प्रभाव के भोगी बन जाते हैं।

जैसा कि हम सब जानते हैं ऐसे कई सारे पेड़ पौधे होते हैं जिनकी पूजा से हमारे मानसिक और शारीरिक कष्ट मिटते हैं   ऐसा ही एक महत्वपूर्ण पेड़ है ,केले का पेड़ । केले के पेड़ की पूजा करने से जातक को बृहस्पति ग्रह की कृपा प्राप्त होती है । वहीं केले का पेड़ पूजा अर्चना के दौरान बहुत ही लाभकारी माना जाता है। आप सब ने देखा होगा कि हिंदू सभ्यता में प्रत्येक पूजा में केले के पेड़ या केले के फल का होना आवश्यक माना जाता है। ऐसे में यदि आप केले के पेड़ की पूजा करते हैं तो तो कोशिश कीजिए वह एकदम नियमानुसार होनी चाहिए अन्यथा आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा को आने से कोई नहीं रोक सकता।

Banana Tree Upaay: चलिए सबसे पहले जानते हैं केले का पेड़ किस दिशा में लगाना चाहिए?

जब बात आती है केले के पेड़ की पूजा की तो सबसे पहले हमारे सामने यह प्रश्न आता है कि केले का पेड़ किस दिशा में लगाना चाहिए?

  • केले के पेड़ को लगाने से पहले आपको यह जान लेना जरूरी है कि यदि केले का पेड़ आपने गलत दिशा में लगा लिया तो वह शुभ फल देने की बजाय अशुभ फल देता है।
  • ऐसे में केले का पेड़ लगाते समय आपको ध्यान में रखना चाहिए कि कभी भी केले का पेड़ दक्षिण पश्चिम और आग्नेय कोण में ना लगाया जाए।
  • केले के  पेड़ को हमेशा ईशान कोण या पूर्व उत्तर की दिशा में लगाना चाहिए।
  • केले के पेड़ के पास किसी प्रकार का कांटेदार पेड़ या बेल नही होनी चाहिए बल्कि केले के पेड़  सदैव  तुलसी का पौधा जरूर होना चहिए।
  • वहीं भूल कर भी केले के पेड़ को घर के मुख्य द्वार के सामने कभी ना लगायें।

केले के पेड़ की पूजा के दौरान कौन सी गलतियां करने से बचें?

आमतौर पर हमने देखा है कि विष्णु कृपा और बृहस्पति ग्रह की कृपा प्राप्त करने के लिए लोग केले के पेड़ की पूजा करते हैं ,परंतु यदि आप केले के पेड़ की पूजा के दौरान यह सारी गलतियां दोहरा रहे हैं तो आपको कभी भी विष्णु कृपा और बृहस्पति कृपा प्राप्त नहीं होगी।  केले के पेड़ की पूजा करने की एक नियमित विधि होती है जिसके अनुसार ही उसकी पूजा करनी चाहिए अन्यथा आपको अशुभ फल की प्राप्ति होती है।

  • कुछ लोग केले के पेड़ की पूजा केवल गुरुवार के दिन ही करते हैं , परन्तु नहीं, केले के पेड़ के नीचे रोजाना दीपक लगाना चाहिए वहीं गुरुवार के दिन केले की विशेष पूजा करनी चाहिए।
  • केले के पेड़ को सदैव स्नान आदि से निवृत होने के पश्चात ही स्पर्श करें अन्यथा आपको इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं
  • गुरुवार के दिन यदि आप केले की विशेष पूजा कर रहे हैं तो आपको सुबह-सुबह मौन व्रत का पालन करते हुए केले के वृक्ष पर जल चलाना चढ़ाना होता है जब तक आप जल ना चढ़ा ले तब तक कोशिश करें कि किसी से बात ना करें।
  • केले के पेड़ पर जल चढ़ाने के लिए सदैव जल में हल्दी की गांठ, चने की दाल और गुड़ मिलाकर जल चढ़ाएं ।
  • केले के पेड़ की पूजा के दौरान किसी अन्य रंग के फूल न अर्पित करें हमेशा पीले रंग के पुष्प ही पूजा के दौरान उपयोग में लाएं।

केले के पेड़ की पूजा के पश्चात इन चीजों का दान कभी ना करें

बृहस्पतिवार के दिन केले के पेड़ की विशेष पूजा करने के पश्चात यदि आप किसी प्रकार का दान करना चाहते हैं तो इस दान को करते हुए भी आपको विशेष सावधानी बरतनी होगी । अन्यथा दान का शुभ फल आपको कभी प्राप्त नहीं होगा बल्कि आपको विपरीत फलों की प्राप्ति होगी जिसका आपके जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है।

  • गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा के पश्चात काली उड़द की दाल ,काले वस्त्र ,सफेद चावल, हरी मूंग ,लोहे की वस्तुएं, नुकीली चीज वाली वस्तुएं दान करने से बचना चाहिए।
  • केले के पेड़ की पूजा के पश्चात यदि आपको दान करना ही है तो आप पीली मिठाई, पीले वस्त्र, पीले चावल ,केले का फल, चने की दाल, कॉपी किताबें, स्टेशनरी का सामान इत्यादि दान कर सकते हैं जिससे आपको बृहस्पति देवता की कृपा प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

इस प्रकार यदि आप भी केले का पेड़ लगाकर घर में उसकी पूजा अर्चना करना चाहते हैं तो इन नियमों को ध्यान में रखने के पश्चात थी केले के पेड़ की पूजा करें और धन-धान्य और वैभव की प्राप्ति करें।

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