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यदि आप भी कर रहे हैं शमी के पौधे की पूजा के दौरान यह सारी गलतियां तो हो जाएं सावधान

Be careful of these mistakes while worshiping Shami plant. यदि आप भी कर रहे हैं शमी के पौधे की पूजा के दौरान यह सारी गलतियां तो हो जाएं सावधान

हिंदू धार्मिक ग्रंथो में कई सारे पवित्र पौधों के वर्णन मिलते हैं । इसमें ऐसे कई पौधे हैं जिनकी पूजा करने से आपके घर में सुख शांति आती है, वहीं कुछ पौधे ऐसे हैं जो ग्रह पीड़ा नाशक भी माने जाते हैं । प्रत्येक ग्रह की पूजा के लिए एक विशिष्ट पौधे का उल्लेख हिंदू पुराणों में मिलता है जिसमें यदि कोई व्यक्ति किसी ग्रह की वजह से किसी प्रकार की तकलीफ का सामना कर रहा है तो उस व्यक्ति को किसी विशिष्ट पेड़ या पौधे की पूजा कर इन सभी तकलीफों से छुटकारा भी मिल सकता है। इसी प्रकार वह सभी जातक जो शनिदेव की दशा की वजह से जीवन में नकारात्मक प्रभावों का सामना कर रहे हैं वे सभी शमी के पौधे की पूजा करते हैं।  माना जाता है कि शमी के पौधे में शनि देव को प्रसन्न करने की ताकत होती है इसीलिए शनि देव द्वारा दिए गए सभी नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए जातक शमी के पौधे की पूजा करता है।

परंतु क्या हो यदि आप शमी ही के पौधे की पूजा गलत तरीके से कर रहे हैं?  ऐसे में आपको शनि देव की कृपा तो प्राप्त नहीं होगी बल्कि आपके कष्ट और ज्यादा बढ़ जाएंगे इसीलिए शमी के पौधे की पूजा करते समय आपको कुछ विशिष्ट बातों का ध्यान में रखना जरूरी है।

आइये सबसे पहले जानते हैं शमी के पौधे का महत्व

शमी के पौधे का महत्व हिंदू धार्मिक ग्रंथो में कई जगह वर्णित है । शमी के पौधे में शनि के दुष्प्रभावों को कम करने की ताकत होती है। वह सभी जातक जिन पर शनि देव की महादशा यह साढ़े साती चल रही है वह शमी के पौधे की पूजा कर इन सभी प्रभावों को कम कर सकते हैं। परंतु उससे पहले आपको यह जानना होगा कि शमी के पौधे को कहां लगाना चाहिए? और इसकी पूजा किस प्रकार करनी चाहिए?  अन्यथा गलत तरीके से की हुई पूजा आपकी परेशानी कम करने की बजाय उसे बढ़ा सकती है।

सबसे पहले जाने शमी के पौधे को लगाने का वास्तुसम्मत तरीका

  • शमी का पौधा लगाते समय दिशा का बेहद महत्व होता है, इस पौधे को कभी भी उत्तर या पश्चिम दिशा में नहीं लगाना चाहिए।
  • शमी के पौधे को हमेशा दक्षिण दिशा में लगाने का प्रयत्न करें । इसके अलावा आप इस पौधे को पूर्व या ईशान कोण में भी लगा सकते हैं।
  • शमी के पौधे को लगाते समय आपको एक और विशिष्ट बात का ध्यान रखना होगा कि उसके आसपास कहीं भी तुलसी का पौधा ना हो, पास में तुलसी का पौधा होने से शमी के पौधे का सकारात्मक प्रभाव आपको प्राप्त नहीं होता।
  • शमी का पौधा लगाने के लिए आप सप्ताह के किसी भी अन्य दिन को नहीं चुन सकते, आपको केवल शनिवार के दिन ही इस पौधे को अपने छत में या आंगन में लगाना होगा।
  • शमी के पौधे के आसपास हमेशा साफ सफाई रखने की कोशिश करें यदि आप ऐसा नहीं करते हैं आप तो आपको शनि देव के कोप का भागी बनना होगा।
  • रविवार ,शनिवार और मंगलवार के दिन तथा प्रदोष और अमावस्या के दिन छोड़कर आप किसी भी दिन शमी के पौधे की कटाई और छँटाई कर सकते हैं।

आईये अब जानते हैं शमी के पौधे के पूजन की सही विधि

  • शमी का पौधा शनि देव का प्रिय पौधा माना जाता है, हालांकि शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाया जाता है परंतु शमी के सामने हमेशा तिल के तेल का दिया जलाएं।
  • शमी के पौधे को बिना नहाए हुए कभी भी जल ना चढ़ाएं और न ही स्पर्श करें।
  • शनिवार के दिन शमी के पौधे के नीचे विशेष रूप से दीप जलाएं।
  • शमी के पेड़ की पूजा करते हुए आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप पूजा के वक़्त कभी भी दक्षिण दिशा में ना बैठे।
  • शमी के पौधे को जल चढ़ाने के लिए कभी भी स्टील या किसी अन्य धातु के लोटे में जल ना चढ़ाएं हमेशा तांबे के लोटे को ही जल चढ़ाने के उपयोग में लाएं।
  • शमी के पौधे को जल चढ़ाने के लिए लोटे में जल के साथ कुछ दाने शक्कर के भी डाल कर चढ़ाएं।
  • शमी के पौधे पर भूल कर भी कोई अन्य दाल कभी ना चढ़ाएं, शमी के पौधे पर पूजा के रूप में केवल उड़द दाल का ही प्रयोग करें।

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निष्कर्ष

इस प्रकार शमी के पौधे को वास्तुसम्मत और विधिवत तरीके से लगाने और उसकी पूजा करने से आपको निश्चित ही सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे और आप महादेव और शनि देव की कृपा के पात्र बन पाएंगे।

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